परमात्मा जात-पात ऊंच-नीच देखकर नहीं बल्कि प्रेम भाव देखकर प्रकट होते हैं- संतोष शुक्ला
संजय मिश्रा
खुनुवां, सिद्धार्थनगर। विकास क्षेत्र शोहरतगढ़ के लुचुइया गांव मे चल रहे संगीतमयी श्रीमदभागवत कथा के पांचवे दिन भक्त प्रहलाद और विष्णु भगवान के नरसिंह अवतार की कथा से श्रोतागण मन्त्र मुग्ध हो गये। कथा व्यास संतोष शुक्ल जी महाराज ने कहा कि परमात्मा जात-पात ऊंच-नीच देखकर नहीं बल्कि प्रेम और भाव देखकर प्रकट होते हैं।
कथा व्यास ने कहा कि हिरण्यकश्यप राक्षस था और भगवान विष्णु का शत्रु था लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद विष्णु भगवान का भक्त निकला। हिरण्यकश्यप अपने पुत्र को मारने के लिए बहुत प्रयास किया लेकिन हमेशा असफ़ल रहा अन्त मे भगवान विष्णु नरसिंह का रूप धारण कर खम्भे से प्रकट हुये और हिरण्यकश्यप का बध किये। सत्य की जीत हुई। तत्पश्चात श्रोतागण भगवान नरसिंह की आरती किये।
कथा मे भक्त प्रह्लाद भगवान नरसिंह और हिरण्यकश्यप की बड़ी सुंदर झांकी निकाली गई। कथा के आयोजक डा.पवन मिश्र ने कथा मे आये अतिथि संसद जगदम्बिका पाल के साथ अन्य अतिथियो को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किये। सांसद जगदम्बिका पाल ने सभी भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि बडे भाग्य से भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलता है। इस दौरान प्रधान पंकज चौबे, कमलेश दूबे, प्रताप गिरी, ओमकार उपाध्याय, धर्मेंद्र, उमेश, नागेंद्र नाथ आदि लोगो के साथ सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।