दिल के रोगियों का दिल तोड रही हार्ट केयर यूनिट
संजीव श्रीवास्तव
“शासन-प्रशासन मिलकर जनता को किस प्रकार बेवकूफ बनाने का जाल बुनते हैं, इसका जीता-जागता प्रमाण सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल में बना हार्ट केयर यूनिट है। जिलेे में कार्डियोलोजिस्ट का एक भी पद स्वीकृत नहीं है, फिर भी जनप्रतिनिधियों ने महज दिखावे के लिए लाखों रुपये खर्च कर दिल के रोगियों को स्थानीय स्तर पर इलाज का सब्जबाग दिखा दिया, मगर ये पब्लिक है, सब जानती है, कहावत के तर्ज पर अब जनप्रतिनिधियों के झूठ का भंडा फूट गया है।”
वर्ष 2011 में लगभग तीस लाख रुपये की लागत से जिला अस्पताल परिसर में हार्ट केयर यूनिट का निर्माण जोर-शोर से शुरु हुआ। लगभग 6 माह के भीतर भवन निर्माण एवं विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया। भवन बनने के बाद जिले के हदय रोगियों में स्थानीय स्तर पर इलाज की उम्मीद को पंख मिल गये, मगर भवन में लगातार तालाबंदी से दिल के रोगियों की निराशा बढ़ गयी।
कपिलवस्तु पोस्ट को स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कार्डियोलोजिस्ट का एक भी पद स्वीकृत नहीं है, तो हार्ट केयर यूनिट किस लिए बनाया गया ? अब यह सवाल शिददत से उठने लगा है। कांग्रेस अनुसूचित विभाग के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार गुडडू व अतहर अलीम का कहना है कि हार्ट केयर यूनिट का निर्माण सिर्फ दिखावें के लिए किया गया। दोनों नेताओं ने कहा कि सपा शासन में जनता
को बेवकूफ बनाने का जो दौर चल रहा है, हार्ट केयर यूनिट उसी का नमूना है।
इस सिलसिले में मुख्य चिकित्साधिकारी डा.बी.के. गुप्ता का कहना है कि हार्ट केयर यूनिट को चालू कराने के लिए कई बार पत्र लिखा गया, मगर जिले में ही नहीं पूरे प्रदेश में हदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। इस कारण इसे चालू नहीं किया जा पा रहा है।