हर तरफ मचा सैलाबी कोहराम, सभी नेशनल व स्टेट हाइवे पर चढ़ा पानी, आगमन ठप, 650 गांव समेत 350 ग्रामीण सड़कें पानी में डूबीं
बांसी-डुमरियागंज, इटवा- बांसी, बढ़नी-बस्ती स्टेट हाइबे बंद किया गया, सिद्धार्थनगर-बस्ती नेशनल हाइवे के भी बंद होने की आशंका
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।जिले में सैलाब का कहर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक कुल 650 गांव बाढ़ से डूब चुके हैं। 3.5 लाख आबादी इस त्रासदी काशिकर बनी हुई है। इसके अलावा जिले के स्टेट हाइवे समेत लगभग 350 ग्रामीण सड़कें पानी में डूब गई । इसके अलावा अब कई तटबंधों से बाढ़ का पानी ओवरफ्लों करके गांवों व कस्बों में पहुंच रहा है। प्रशासन राहत बचाव में जुटा हुआ है लकिन नावों व स्टीमरों की संख्या कम होने के कारण राहत बचाव कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है। बाढ़ में सबसे उर्उनाक हालत भनवापुर विकास खंड की है। वहां के लोगपिछले सातदिनों से पानी के कैदी बने हुए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार और प्रशासन पर बाढ़ पड़ितों के प्रति संवेदनहीनता का आरोप लगाया है।
प्राप्त विवरण के अनुसार जिले में राप्ती नदी का जलस्तर अब तक के सभी रिकार्ड ध्वस्त कर चुका है। राप्ती नदी का पानी बांध से ओवरफ्लो होकर बांसी कस्बा के कई मोहल्ले के घरों एवं दुकानों में भर रहा है। यहां कई जगह रिसाव कर रहे बांध को बचाने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला कसरत करते दिख रहा है। शहर केकिनारे के मुहल्लों में भगदड़ मची हुई है।
राप्ती नदी शनिवार दोपहर तक खतरे के निशान 84.900 मीटर से 1.30 मीटर ऊपर 86.200 मीटर पर बह रही थी, जो उसके अब तक के उच्चतम जलस्तर 85.950 मीटर से भी 25 सेमी अधिक है। इसका नतीजा है कि बांसी कस्बे को बचाने के लिए राप्ती किनारे बने बांसी-पनघटिया बांध के ऊपर से बाढ़ का पानी ओवर फ्लो कर कस्बे में बह रहा है।जिससे नगरपालिका क्षेत्र में भगदड़ मच गई है। लाग अपने घरों को छोड़ कर अन्य जगहों पर जा रहे हैं।
जानकारों के अनुसार अकबर नगर मोहल्ले में डॉ. अब्दी चौराहे के पास नदी का पानी बांध से ऊपर बह रहा है। कस्बे के छह मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। इसके अलावा मंगल बाजार, शास्त्री नगर, शंकर नगर, गौतमबुद्ध नगर, श्याम नगर, राप्ती नगर मोहल्लों में भर रहा। बाढ़ का पानी कई घरों व दुकानों में भर गया है। इससे कस्बे की लगभग दस हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। शनिवार रात तक बचाव के प्रयास जारी थे। लोगों ने सारी रात भागने के प्रयास में अथवा अपने घरों में जाग कर बिताई। रविवार को ओवर फ्लों की गति में कमी आने की खबर है।
बांधों बचाने की मशक्कत में लगे लोग
राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बांधों में रिसाव से नदी के तट पर बसे लोग भयभीत हैं। पूरी रात जागकर लोग बांधों की रखवाली कर रहे हैं। नरकटहा प्रोटेक्शन बांध, नरकटहा सोनखर बांध, बांसी पनघटिया बांध, बीडी बांध, सोनखर हाटा बांध व जमींदारी बांध में रिसाव जारी है। उसेे रोकने का प्रयास स्थानीय जनता के साथ विभाग के लोग कर रहे हैं।
नरकटहा प्रोटेक्शन बांध पशुपतिनगर, बीडी बांध में रतनसेन इंटर कॉलेज के पास, सहजी गांव के पास, विधायक निवास के पास, शास्त्री नगर मोहल्ले के पास रिसाव जारी है। सबसे अधिक दिक्कत जमीदारी बांध में हो रहे रिसाव से है। इसे रोकने का प्रयास प्छिले पांच दिनों जारी है। गरगजवा गांव के सभासद के प्रतिनिधि निलेश निषाद के साथ गांव के लोग काफी मशक्कत कर रहे हैं।
बांसी-इटवा व बांसी-डुमरियागंज मार्ग बंद इटवा- बढ़नी मार्ग बंद
बूढ़ी राप्ती नदी किनारे बने बांधों के टूटने से क्षेत्र में फैले बाढ़ के पानी और राप्ती नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से उत्पन्न खतरे को देखते हुए बांसी-इटवा एवं बांसी-डुमरियागंज मार्ग को बंद कर दिया गया। डीएम और एसपी ने बांसी इटवा मार्ग के जिगनिहवा चौराहा का निरीक्षण कर सुरक्षा व बचाव कार्य का जायजा लिया। इसके अलावा सिद्धार्थनगर से बस्ती को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे पर जगिया के पास पानी चढ़ गया है।इससे उक्त मार्ग भी बंद होने के कगार पर है। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने निर्देश दिया है कि बंद किये गये मार्ग पर किसी भी प्रकार का आवागमन न हो।उन्होंने जिम्मेदारों से इस नियम का पूरी कड़ाई के साथ पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
भनवापुर ब्लाक में सर्वाधिक हाहाकार
राप्ती नदी के बाढ़ से डुमरियागंज तहसील का शाहपुर-सिंगार मार्ग भी पूरी तरी बंदहो गया है।इस प्रमुख मार्ग के दोनों तरफ बसे डुमरियागंज व भनवापुर के ब्लाक के लगभग 200 गांव पानी में डूबे हुए हैं। डुमरियागंज तहसील मुख्यालय से इसमाग्र पर आते ही बाढ़ कीविनाशलीला सेसमनो होने लगता है। ग्राम नेबुअ से धनोहरी, मन्नीजोत, खुरपहवा, मछिया, पेड़ारी, भरवठिया, तेतरी, बढ़िया टायर, पिकौरा जैसे सभी गांवों में जल प्रलय का दृश्य है। ग्राम मल्दा के पूर्व प्रधान शब्बीर मलिक लड्डन बताते हैं कि गांव के घरो मे पानी घुसा हुआ है। सडक पर पांच फुट पानी बह रहा है, ऐसी ही हालत देवरिया चमन, डीवली डीहा मिश्र, मधूकरपुर, सेमरी डिहवा, तेतरी, पेंडारी, जुडवानिया, चन्नजोत, बेंव,असनहरा, गांवों की भी है। यहां राह बचाव का अभाव है। जुबैर मलिक जैसे कुछ नौजवान छोटी नावों से जरूरतमंदों को सामान पहुंचाने का प्रयास जरूर कर रहे है।
पूर्व प्रधान मोहम्मद शाब्बीर, उर्फ लड्डन मलिक सहित गांव के भगवान दास चौधरी, शिवप्रसाद, राजदत्य मिश्रा, शिवपूजन दूबे, आजय मिश्रा, पिन्टू मिश्रा, गुडडू यादव, बब्लू, चिंटू, इरशाद, जुबेर, फारूक मलिक, इम्तियाज मलिक, शमसेर आदि ने राहत व बचाव की प्रशासन से मांग की है।,
बूढ़ी राप्ती भी खतरनाक बनी हुई है
दूसरी ओर जलस्तर में थोड़ा घटाव के बावजूद बूढ़ी राप्ती नदी वर्तमान में खतरे के लाल निशान 85.650 मीटर से ऊपर 87.510 मीटर पर बह रही है। सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता आरके सिंह का कहना है कि अनुमान से अधिक पानी आने से राप्ती नदी किनारे बने बांधों पर खतरा बढ़ गया है। उसे बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। यह नदी बांसी, जोगिया ब्लाक और शोहरतगढ़ तहसील के कछार का इलाका कहे जाने वाले मेचुका, मझवन, लखनापार, पिपरहवा, हड़कौली, महुआ, हीराडीह, आदि 200 गांवों में तबाही मचाये हुए है।
डीएम व एसपी ने की निरीक्षण
सिद्धार्थनगर। जिलाधिकारी संजीव रंजन व पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने तहसील क्षेत्र बांसी के बाढ़ प्रभावित भंवारी, अजमागढ़, भुजराई, पकरडीहा आदि गांवों का निरीक्षण किया। लोगों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन पूरी तत्परता के साथ बचाव कार्य में लगा हुआ है। जानमाल की सुरक्षा के लिए हर स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। गांव में फंसे लोगों को निकालने एवं बचाने के लिए प्रशासन लगा हुआ है। बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए संबंधित तहसीलों के उपजिलाधिकारी व तहसीलदार को निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री एवं लंच पैकेट दिए जा रहे हैं। किसी को भोजन आदि की समस्या नहीं होने पाएगी।