शोहरतगढ़ टाउन में मरघटी सन्नाटा, सिर्फ पुलिसिया बूटों की चरमराहट से होता है जिंदगी का एहसास
नजीर मलिक
हादसे के तीसरे दिन भी शोहरतगढ़ टाउन में खौफ कायम हैं। सन्नाटा इतना कि श्मशान घाट की याद आ जाये। सूनी सड़कों पर पुलिस के बूटों की चरमराहट ही कस्बे में जिंदगी का एहसास दिलाती है। वरना हर गली मुहल्ले में दहशत भरी खामोशी की इबारत लिखी नजर आती है।
शोहरतगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव की यह कोई पहली घटना नहीं है। यहां इससे पहले भी कई बार लूटपाट और आगजनी हो चुकी है। प्रशासन को पूरी तरह पता है कि यह टाउन बहुत सेंसिटिव है। बावजूद इसके पुलिस ने छोटी छोटी गलतियों को नजर अंदाज किया, जो मुहर्रम के दिन एक बड़ी वारदात में बदल गई।
बता दें कि कपिलवस्तु पोस्ट ने दो नवम्बर को ही एक न्यूज में इस बात का इषारा कर दिया था, कि वहां एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान शहर के एक चर्चित नेता ने इक्कावान मुहल्ले में बेहद भड़काने वाला भाषण दिया था। इसके बाद से ही टाउन अंदरूनी टेंशन से गुजर रहा था।
पुलिस वहां खामोश तमाशाई बन कर खड़ी थी। अगर उसने उसी वक्त सख्ती की होती तो दोनों तबकों के साम्प्रदायिक तत्वों को इससे सबक मिलता, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ। नतीजा आगजनी, मारपीट की शक्ल में सामने आया और एक मौत भी हुई। लेकिन पुलिस उसे सामान्य मौत करार दे रही है।
बहरहाल घटना के तीसरे दिन भी उपनगर कोई दुकान नहीं खुली। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा की गारंटी देकर दुकान खोलने का अनुरोघ किया था, लेकिन बताया जाता है कि व्यापारी समाज घटना के दिन पुलिस वालों द्धारा लोगों के घरों में घुस कर पिटाई करने से नाराज है। प्रशासन दुकानें खुलवाने के प्रयास में लगा है।
इस तनाव के बाद पुलिस ने कुल चौदह लोगों को जेल भेजा है। इसमें अनूप सभासद और नगर पंचायत अध्यक्ष पति व हियुवा नेता सुभाष गुप्ता के दो परिजन भी हैं, लेकिन नगर के एक तबके के मुताबिक यहां भी पुलिस ने गलती की है। उसने उस नेता पर हाथ नहीं डाला, जो साम्प्रदायिक भाषणों के लिए कुचर्चित है।
सख्ती तो बेहद जरूरी है
शोहरतगढ़ मे साम्प्रदायिक तत्तवों का फन कुचलने के लिए उनके साथ जाति धर्म की परवाह के बगैर सख्ती जरूरी है। इस मामले में पूर्व एसपी आर.पी. चतुर्वेदी से सबक लेना होगा। तकरीबन एक दषक पहले उपनगर बढ़नी में हुए साम्प्रदायिक झगड़े में उन्होंने उन्मादियों पर मुकदमा तो कम लिखाया, लेकिन थर्ड डिग्री का इस्तेमाल इतना कराया कि उन आसामाजिक तत्वों के बदन की हाडिृडयां आज भी दुखती हैं। इसके बाद से आज तक वहां कोई तनाव नहीं हुआ। शोहरतगढ़ की बीमारी का इसी तरह का इलाज जरूरी हो गया है।
कौन कौन हैं जेल में
शोहरतगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में टाउन के 14 लोगों को जेल भेजा गया हैं। जेल जाने वालों में सभासद पुत्र अनूप कसौधन, अल्ताफ नेता के दो पुत्र बादशाह और शाहरूफ, गुडृडू, ओम प्रकाश, संतोष, लालजी, अली, आरिफ, बन्ने अरबाज, कासिम और पंच गुलाम शामिल हैं।
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 295 ए, 504, 506, 427, 452, 336 और 307 आयद किया गया है।
एसपी अजय कुमार साहनी और कलेक्टर सुरेन्द्र कुमार ने लोगों को भरोसा दिलाया कि कोई उपद्रव नहीं हो सकेगा। साथ ही उन्होंने आसामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। लेकि दहशत अभी कायम है। पूरा टाउन बंद है। बस पुलिस के लोग ही सड़कों पर दिख रहे हैं
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