समाजवादी पार्टी के लिए खतरे का अलार्म बजा गये सुप्रीमो ओवैसी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। एआईएमआईएम सुप्रीमों असदुद्दीन आवैसी के सिद्धार्थनगर दौरे से उनकी पार्टी को कितना फायदा होता है, यह तो चुनाव में पता चलेगा, लेकिन उनके दौर में उमड़ी मुसलमानों की भीड़ ने समाजवादी पार्टी के लिए खतरे का अलार्म जरूर बजा दिया है।
ओवैसी के दौरे के वक्त कल न तो कही जनसभा थी न उसका कोई प्रचार प्रसार। फिर भी वह जहां भी कुछ पल के लिए रूके वहां हजारों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ का 90 फीसदी हिस्सा खालिस मुसलमानों खास कर मुस्लिम युवाओं का था।
तमाम युवाओं से बातचत में पता चला कि वह सरकार से बेहद नाराज है। समाजवादी पार्टी को जमक र वोट देने वाले इस पार्टी की सरकार के चार साल के कार्यकाल से बहुत निराश दिखे। इटवा में नौजवान अख्तर आलम का कहना था कि अखिलेश सरकार से उन्हें बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वह वादे पर खरी नहीं उतरी।
एम अफजल, बैतुल्लाह खान आदि युवाओं का कहना था कि सपा ने वादा करके आरक्षण नहीं दिया। मुसलमानों के लिए नौकरी के इंतजामात नहीं किये। उलटे चार सालों में उन पर कई दंगों के दाग जरूर लगे है। ऐसे में अब उनकी उम्मीदें एमिमू पर लग गई हैं। भविष्य में यह पार्टी आगे जायेगी।
जिले में कुल तीस प्रतिशत मुस्लिम आबादी है जो आम तौर से सपा का समर्थक रहा है, लेकिन कल के कार्यक्रम से लगा कि आने वाले चुनाव में मुसलमानों का खासा वोट एमिम की ओर मुड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका नुकसान सपा को उठाना पड़ सकता है।
इस बारे में सपा नेता खुरशीद खान का कहना है कि ओवैसी जिले में बेअसर रहेंगे, लेकिन जितने भी वोट काटेंगे, वह सपा का ही होगा। उनका कहना है कि 1 मई से सपा की साइकिल रैली निकल रही है। सपाई गांव गांव पहुंच कर लोगों को सपा सरकार की नीतियां बतायेंगे। उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम समाज सपा की नीतियों को समझेगा, बल्कि सपा को वोट भी करेगा।
बहरहाल आने वाले दिनों में कौन सा राजनीतिक बदलाव होगा, यह देखने की बात होगी, लेकिन ओवैसी के दौरे में मुस्लिम नौजवानों का रुझान तो सपा के खिलाफ ही दिखा। इसलिए इसे खतरे का एलार्म कहना फिलहाल गलत न होगा।