माया ने मुसलमानों को बुरा भला कहा, मेरे विरोध करने पर मुझे बसपा से निकाला
एस. दीक्षित
लखनऊ। बहुजन समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है मायावती ने मुसलमानों के बारे में अनाप शनाप बका, जिसका विरोध करने पर मुझे निकाला गया। मायती और सतीश मिश्र ने मेरे ऊपर जा आरोप लगाया है, वह सब गलत है। मै इसका प्रमाण जल्द ही दूंगा और मै दोनों पर तमाम आरोप साबित भी कर दूंगा।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि वह बाहर हैं। लखनऊ आने के बाद गुरुवार को वह प्रमाण के साथ मायावती एंड कंपनी के आरोप का जवाब प्रेस के माध्यम से देंगे। उन्होंने बताया कि मैं समझता हूं कि इस निष्कासन से मेरे व मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुर्बानी का सिला मुझे दिया गया है। मैंने इस मिशन के लिए और मायावती के लिए खासतौर पर इतनी कुबार्नी दी है, जिसकी मैं गिनती नहीं कर सकता।
नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया है कि मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध रूप से, अनैतिक रूप से और मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गईं, जो मेरे बस में नहीं थीं। कई बार मुझे मानसिक प्रताड़ना दी और टार्चर किया गया। जिसके पुख्ता प्रमाण मेरे पास हैं।
नसीमुद्दीन ने उन्होंने 1996 का उदाहरण देते हुए बताया कि उस साल विधानसभा चुनाव में मायावती बदायूं की बिल्सी से चुनाव लड़ रही थीं। वह उस चुनाव के प्रभारी थे। उनकी इकलौती बेटी की बांदा में तबियत खराब हो गई लेकिन मायावती ने उन्हें स्वार्थवश वहां जाने नहीं दिया। मैंने आदेश माना आखिरकार उनकी बेटी ने दम तोड़ दिया। यही नहीं मैं अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सका।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव और 2012 व 2017 के विधानसभा चुराव में पार्टी को मायावती की गलत नीतियों के कारण सफलता नहीं मिली. उन्होंने मुसलमानों पर गलत झूठे आरोप लगाए।
2017 के चुनाव से काफी पहले से मैंने पार्टी के लिए जो प्रयास किए, उसी का नतीजा था कि बसपा को 22 प्रतिशत से अधिक वोट मिले। नहीं तो स्थिति और बदतर होती शिकस्त के बाद मायवती ने मुझे बुलाया और अपर कास्ट, बैकवर्ड को बुरा भला कहने के साथ ही खासतौर पर मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, जिसका मैंने विरोध किया।