वैदिक काल में भी शिक्षा का महत्व था- विनय शंकर तिवारी

November 12, 2025 1:43 PM0 commentsViews: 64
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छात्रों से ज़्यादा उनके अभिभावकों को एजुकेट व जागरूक होने की ज़रूरत- प्रो. नूर मोहम्मद

अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। शिक्षा का महत्व वैदिक काल में भी था। गार्गी जैसी क्रांतिकारी महिला ने विदुषी बनने के बाद ही समाज में प्रभावी भूमिका निभाई थी। उक्त विचार पूर्व विधायक व सपा के राष्ट्रीय सचिव विनयशंकर तिवारी ने व्यक्त किया। वह सोमवार को मौलाना आज़ाद की जयंती /मौलाना आज़ाद पीजी कालेज के रजत जयंती समारोह के अवसर पर बायताल में आयोजित समारोह को सबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर सपा राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी ने मौलाना आज़ाद को एक महान शिक्षाविद बताया और कहा कि आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में देश को उल्लेखनीय स्तर पर पहुचाया। उन्होंने यह भी कहा कि जब देश विभाजन निर्णय के बाद भारत का मुसलमान पाकिस्तान की तरफ भाग रहा था, तो मौलाना आज़ाद नें भारत की धर्म निरपेक्षता की दुहाई देकर उनके पलायन को रोकने की कामयाब कोशिश की।

आयोजन को संबोधित करते हुए प्रोफेसर नूर मोहम्माद ने कहा कि इस समय विद्यार्थियों से ज़्यादा उनके गार्जियन को एजुकेट होने की ज़रुरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जानबूझ कर साम्प्रदायिकता का समावेश किया जाता है। ऐसे में बच्चों को भटकने से बचने की ज़िम्मेदारी उनके अभिभावकों पर भी आ जाती है।

कार्यक्रम में घिसियावन यादव ने शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते भगवाकरण पर चिंता व्यक्त की। युवा लोगो को व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के बढ़ते खतरे से भी आगाह किया। कार्यक्रम के बाद नवनिर्मित “स्व. कमल यसुफ़ मलिक द्वार” का लोकार्पण भी मुख्य अतिथि विनय शंकर तिवारी के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। समारोह में डॉ अब्दुल मलिक, अहमद फरीद अब्बासी, दिनेश चंद पांडेय अशफ़ाक़ अहमद आदि वक्ताओने भी मौलाना आज़ाद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम के आयोजक इरफान मलिक ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वाले दो दर्जन व्यक्ति सम्मानित किए गए। सगीर खाकसार का संचालन शानदार रहा। इस मौके पर इक़बाल यूसुफ एडवोकेट, मलिक मुर्तजा, सलमान मलिक, गुफरान मलिक, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, सीताराम ग्राम प्रधान, धर्मराज पांडेय आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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