दोस्तों की दगाबाजी के चलते मारा गया सोनू सिंह, चार के खिलाफ मुकदमा‚ आरोपी फरार
— दोस्त चिंतामणि के कत्ल का आरोपी था सोनू‚ हाल में जमानत पर बाहर आया था
—सोनू की हत्या में भी उसके दो साथियों ने निभायी महत्वपूर्ण भूमिका
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जनपद के बहुचर्चित सोनू सिंह हत्याकांड में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, और हत्या के पीछे पुरानी रंजिश बताई है। लेकिन इस मामले का उल्लेखनीय पहलू यह है, कि यदि सोनू के दोस्तों ने दगा नहीं कि होती, तो उसका मारा जाना नामुमकिन होता। सोनू ने दो साल पहले अपने दोस्त को मारा था और कल सोनू को भी उसके दोस्तों ने मरवाने में अहम भूमिका निभायी।
मिली जानकारी के मुताबिक चिल्हिया थाना में दर्ज कराये गये मुकदमें के मुताबिक हत्या का तानाबाना नील मणि ने बुना था तथा आदित्य और सुभाष उसे बाइक पर बिठाकर ले गये थे। जबकि राजेश ने उसे गोली मारी थी। घटना कल शाम 6.30 बजे हुई थी।उसके बाद से इलाके में सनसनी मची हुई थी।
क्या है हत्याकांड की कहानी
पुलिस के मुताबिक कल शाम सोनू सिंह को उसके मित्र आदित्य सिंह और सुभाष यादव एक स्कूटी पर बैठाकर गांव आ रहे थे। सोनू बीच में बैठा था। ऐसे में चलती स्कूटी पर बीच में बैठे व्यक्ति के सिर पर सटीक निशाना ले पाना मुमकिन नहीं था। यही कारण था कि पुलिस का पहला शक सोनू के उन दोनों मित्रों पर ही गया।
बाद में स्पष्ट भी हुआ कि गांव के पहले किसी बहाने से स्कूटी रोकी गई और वहां घात लगाये आपराधी ने सोनू के सिर में गोली मार दी। पुलिस के मुताबिक आदित्य और सुभाष को हत्यारों ने अपनी मिला लिया था। अगर दोनों मित्रों ने सोनू के साथ विश्वासघात न किया होता तो उस दिन उसे मारा जाना सम्भव न हुआ होता।
क्यों हुई सोनू की हत्या
सूत्र बताते हैं कि सोनू सिंह कभी बांसी कोतवाली क्षेत्र निवासी चिंतामणि के साथ मिल कर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। दोनों में गहरी दोस्ती थी। अचानक 12 मार्च 2013 को चिंतामणि की हत्या हो गयी। पुलिस के मुताबिक चिंतामणि की हत्या सोनू और रमाकांत ने मिल कर की थी। हत्या का कारण लूटे हुए धन के बंटवारे को लेकर बताया गया था।
इस घटना से चिंतामणि के भाई दोनों से खार खाये हुए थे। वह इनकी हत्या के जुगाड़ में लगे थे। सितम्बर में सोनू सिंह जमानत पर बाहर आ गया। 12 सितम्बर 2016 को उस पर चार पहिया वाहन चढ़ाकर मार देने की कोशिश हुई।
बताते हैं कि इसके बाद चिंतामणि के भाई नीलमणि ने सोनू के गांव दहियाड़ के दो युवको आदित्य और सुभाष से सम्पर्क बनाया दोनों सोनू के मित्र भी थे। प्लान यह तय हुआ कि 18 नवम्बर को आदित्य और सुभाष अपने साथ सोनू को लेकर गांव चलेंगे और गांव से पहले मोड पर वह किसी बहाने रुकेंगे और पहले से घात लगाये लोग उसकी हत्या करेंगे।
पुलिस का मानना है कि सब कुछ प्लान के तहत ही हुआ है। कल शाम आदित्य सिंह व सुभाष सोनू को स्कूटी से लेकर गांव चले और प्लान के मुताबिक दहियाड़ गांव के मोड पर बहाने से बाइक रोकी। इसी समय राजेश ने उसे गोली मारी। समाचार लिखने तक आदित्य सिंह, सुभाष यादव व राजेश फरार है। जबकि प्लानर नीलमणि हत्या से ठीक पहले अपनी जमानत कैंसिल करा कर स्वेच्छा से जेल चला गया है।