प्रधानमंत्री जी विजनेस आपके खून में है, लेकिन भूख की पीड़ा आप नहीं जानते हैं- जमील सिदृदीकी
नजीर मलिक
फुटकर दवाओं की आन लाइन बिक्री के विरोध में बुधवार को जिले की सारी दवा दुकानें बंद रहीं। इसके अलावा अनेक डाक्टरों ने भी अपनी डिस्पेंसरी बंद रखीं। इससे रोगियों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
दवा विक्रेताओं के अखिल भारतीय संगठन के आहवान पर सिद्धाार्थनगर की सभी दवा की दुकानें बंद रहीं। इस दौरान अधिकांश प्राइवेट डाक्टरों ने भी अपनी डिस्पेंसरी बंद रखा। उनका कहना था कि जब दुकानें ही नहीं रहेंगी, तो उनकी प्रैक्टिस कैसे चलेगी।
खबर है कि बंदी में सदर तहसील सहित डुमरियागंज, शोहरतगढ़, इटवा, बांसी, बढ़नी, बांसी, र्बउपुर? लोटन, उसका, ककरहवा इटवा, आदि कस्बों की दुकानें बंद रहीं। मरीज दवाओं के लिए भटकते देखे गये।
हड़ताल के कारण मरीजों को बहुत कठिनाई हुई। हालांकि प्राइवेट अस्पताल बंद रहे। दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी के कारण मरीजों के परिजन इधर उधर भटकते देखे गये।
इस अवसर पर दवा विक्रेता संध के जिला महामंत्री और सदर नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद जमील सिदृदीकी ने केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए पीएम मोदी को आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते थे कि व्यवसाय उनके खून में है, लेकिन दवा प्रकरण में उनकी भूमिका देख कर लगा कि संवेदना उनमें कहीं नहीं है। वरना वह ऐसी नीति नहीं बनाते।
बंदी में संघ के अध्यक्ष अफजाल अनवर खान के अलावा सत्येंन्द्र भाटिया, शकील अहमद, शैलेश पांडेय, मुकेष दुबे, षैलेश पांडेय, की भमिका उल्लेखनीय रही। इसके अलावा धनन्नजय सहाय, सुभाश गुप्ता आदि ने भी भाग लिया।
याद रहे कि केन्द्र सरकार ने दवाओं के आन लाइन खरीद की नीति का एलान किया है। इससे देश की आठ लाख दवा की दुकानों पर असर पड़ेगा और तकरीबन चालीस लाख परिवार सड़क पर आ जायेंगे।