दिव्या की डायरी में छुपे हो सकते हैं मौत के राज, छात्राओं ने खौफ से हास्टल छोडा?
दिव्या के सुसाइड के बाद खौफ की वजह से हस्टल छोड कर घर
गईं छात्राएं, किरायेदार छात्राओं से भी खाली कराया गया कमरा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। भवानीगंज थाना क्षेत्र के एमटीजी बुद्ध राजकीय पालीटेक्निक कालेज देईपार के छात्रावास में रविवार को एक छात्रा की आत्महत्या के बाद बाकी सभी छात्राओं ने खौफ के मारे छोड़ दिया है। पोलिटेक्निक प्रथम वर्ष की छात्रा दिव्या सिंह के आत्महत्या के बाद भवानीगंज पुलिस ने हास्टल के कमरे से दिव्या सिंह की डायरी और फोन बरामद किया है। यही नहीं पुलिस की फोरेंसिक टीम ने दुबारा कालेज के हास्टल की जांच की भी की है। पुलिस को मिली डायरी में क्या दर्ज है यह तो पुलिस ने सार्वजनिक नही किया है, मगर पुलिस के करीबी सू़त्रों के अनुसार उक्त डायरी में दिव्या सिंह की आत्महत्या के राज छुपे होने की संभावना बतायी जाती है।
बता दें कि दिव्या की मौत के बाद उसी के साथ पढ़ रही उसकी फुफेरी बहन हर्षिता ने मीडिया को खुले तौर पर बताया था कि उसके अमित नामक एक युवक से तीन-चार साल से प्रेम संबंध थे। इसका लेकर दोनों के परिवारों में विवाद भी था। इसके चलते गत १२ फरवरी को अमित ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद से दिव्या बहुत दुखी थी। समझा जाता है कि अमित की मौत के गम में डूबी १७ साल की छात्रा दिव्या ने १६ फरवरी रविवार दोपहर को अपने हास्टल में फांसी के लगा कर जान दे दिया था।
नया मुकदमा बनने की आशंका
अब पुलिस को दिव्या की डायरी बरामद हो गई है। उस डायरी में क्या लिखा है, यह पता नहीं है। मगर उसमें दिव्या ने अपने प्रेम प्रसंग पर प्रकाश डाला है, ऐसा जानकारों का कहना है। लेकिन अगर उस डायरी में प्रेम प्रसंग के अलावा कोई ऐसी बात लिखी पाई गयी, जिससे दिव्या अथवा उसके प्रेमी अमित की आत्महत्या की विवशता सामने आती है तो उसके जिम्मेदारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा कायम किया जा सकता है।
छात्राओं ने हास्टल व किराये का कमरा छोड़ा
दूसरी तरफ छात्रा की आत्महत्या की जानकारी होने पर देईपार पोलिटेक्निक कालेज के हास्टल में अभी भी खौफ छाया हुआ है। दहशत के चलते हास्टल में रहने वाली छात्राएं काले छोड कर घर वापस चली गई हैं। यही नहीं क्षेत्र में कमरा लेकर पढ़ने वाली छात्राओं की समस्या बढ़ गई है। घटना के बाद एक मकान मालिक द्वारा चार छात्राओं के परिजनों को बुला कर उन्हें सौंप दिया। मकान मलिकों का कहना है कि सरकारी कालेज में छात्रा की आत्महत्या के बाद परिजनों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं चाहने पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अगर इसी तरह की कोई घटना या दुर्घटना उनके घरों में हो गई तो वह फंस सकते हैं। सूत्रों की मानें तो अब तक घटना के बाद पालीटेक्निक के हास्टल व बाहर कमरा लेकर रहने वाली सभी छात्राएं अपने घर लौट चुकी हैं।
थानाध्यक्ष ने कहा–
इस संबंध में थानाध्यक्ष रामदेव ने बताया कि छात्रा की आत्महत्या के कारणों की जानकारी सभी को है। परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। फॉरेंसिक टीम मृतका के कमरे से मिली उसकी निजी डायरी सील कर दी है।