गरीबी की वजह से उपजने वाली कलह के चलते फांसी पर झूल कई कुसुम?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला हेडक्वार्टर की आबादी से जुड़े दतरंगवा गांव की कुसुम आखिर गरीबी की वजह से होने वाली गृह कलह को सह न सकी और सोमवार को उसने अपने घर में फांसी पर लटक कर जान दे दी।
30 साल की कुसुम ने आज 11 बजे गांव में अपने टिन शेड वाले मकान में लोहे की एंगिल में फंदा बना कर अपनी जिंदगी खतम की। मरने के वक्त उसका पति कृष्णा साहनी शहर में कहीं मजदूरी करने गया था। मौत के तीन घंटे बाद उसे तलाश कर पत्नी की मौत की सूचना दी गई।
कृष्णा को अब तक समझ में नहीं आ रहा है कि उसकी पत्नी ने जान क्यों दी। पैसे के अभाव में पति पत्नी के बीच अक्सर होने वाली खटपट के अलावा और कोई बात कभी हुई नहीं थी। उसके सास सुसर भी नहीं थे, जिनसे मतभेद होता और यह घटना होती। इसलिए लोगों का पहला ध्यान गरीबी पर ही जा रहा है।
कुसुम और कृष्णा से पांच बच्चे हैं जिनमें तीन अबोध है। कुसुम के न रहने पर मजदूर बा पके सामने रोटी कमाने के साथ बच्चों की देखभाल की दोहरी जिम्मेदारी आ खड़ी हुई है। कैसे वह कमायेगा और कैसे बच्चों की हिफाजत करेगा, यह अहम सवाल है।
कुसम की मौत की खबर पर सीओ सदर मोहम्मद अकमल खान और एसओ सदर शिवाकांत मिश्रा भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उनकी समझ में भी आत्महत्या का कोई कारण नजर नहीं आया। यही वजह है कि मामले को संदिग्ध मान कर लाश को पीएम के लिए भेज दिया गया है।