दूसरे धर्म में शादी करने वाली बेटी की हत्या के जुर्म में बाप को 10 साल की सख्त कैद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। विपरीत धर्म के लड़के अब्दुल मतीन से शादी करने वाली सुनीता की गैर इरादतन हत्या का जुर्म साबित होने पर जिला एवं सत्र न्यायालय द्धारा सुनीता के पिता विश्वनाथ शर्मा विश्वनाथ शर्मा को दस साल की कठोर कारावास व 50 हजार की सजा सुनाई है। सुनीता की हत्या 20 जून 2021 को हुई थी। उसका मुकदमा चिल्हिया थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत दर्ज हुआ था। सुनीता के ससुरालियों ने इसे आनर किलिंग की संज्ञा दी थी, मगर इसे वे साबित कर पाने में नाकामयाब रहे।
चिल्हिया थानाक्षेत्र के कपिया खालसा गांव निवासिनी खातुन्निशा पत्नी मो. उमर ने पुलिस को तहरीर देते हुए कहा कि 20 जून 2021 की शाम करीब 5:30 बजे उसकी बहू सुनीता पत्नी अब्दुल मोतीन अपने दरवाजे के बाहर सड़क पर खड़ी थी। उसी समय उसकी बहू के पिता विश्वनाथ शर्मा पुत्र ओरी शर्मा कपिया खालसा आकर उसकी बहू से विवाद करने लगे। विवाद बढ़ने पर विश्वनाथ ने पत्थर के टुकड़े से उसकी बहू को मार दिया, जिससे उसके सिर पर चोट आई और वह बेहोश हो गई। वह और उसके परिवार के लोग जब तक इलाज के लिए साधन की व्यवस्था करते तब तक उसकी बहू की मृत्यु हो गई।
मृतका के पिता विश्वनाथ शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने और विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने विश्वनाथ शर्मा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में सीजेएम न्यायालय में प्रेषित आरोप-पत्र पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद मामले को सत्र परीक्षणीय पाते हुए 17 सितंबर 2021 को सत्र न्यायालय को सुपुर्द किया। इसी मामले की सुनवाई करते हुए अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ने सजा सुनाई है।
बता दें कि कपिया खालसा गांव मेंअब्दुल मतीन व सुनीता शर्मा के घर आस पास ही थे। मो. मतीन व सुनीता अलग अलग धर्म के होने के बावजूद एक दूसरे से प्यार करते थे, दोनों शादी भी करना चाहते थे। मगर सुनीता का परिवार दोनों की शादी के लिए राजी नही था। फलतः परिवार की इच्छा के विरूद्ध जाकर सुनीता ने उमर से शादी कर लिया था। इस करण दोनों पक्षों में विवाद बना हुआ था। इसी विवाद के चलते आखिर 20 जून की शाम इसी विवाद में पिता ने अपनी बेटी सुनीता पर पत्थर फेंक मारा। जिससे सुनीता की मौत हो गई थी।