अंतर्जनपदीय ट्रांसफर नहीं होने से शिक्षकों में रोष, काली पट्टी बांधकर जा रहे स्कूल
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। दूसरे जनपदों से आये प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों में अपने होम डिस्ट्रिक में तैनाती न मिल पाने के कारण रोष व्याप्त है जबकि उन्हें नौकरी करते सात से आठ साल बीत चुके है। सरकार द्वारा उन्हें काई बार आश्वासन भी दिया गया मगर अबतक कोई सुधी नहीं ली गई। क्षुब्ध शिक्षकों ने 20 सितंबर तक काली पट्टी बांधकर विरोध जताने के साथ शिक्षण कार्य करने का निर्णय लिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार सिद्धार्थनगर समेत आकांक्षी जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र और चंदौली में विभाग शिक्षा विभाग में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नही होने पर शिक्षक काली पट्टी बांध कर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। लगातार 20 सितंबर तक हाथ में काली पट्टी बांध कर शिक्षण कार्य करेंगे। इनका कहना है कि जिले में तैनात हुए सात–आठ वर्ष बीत चुके हैं लेकिन आश्वासनों के बाद भी सरकार उनकी सुधि नही ले रही है। जबकि इन जनपदों से अन्य विभागों में निरंतर स्थानांतरण हो रहे हैं। सरकार के दोहरा रवैया से अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण चाहने वाले शिक्षकों में निराशा बढ़ी है।
जिले के उसका विकास खंड में तैनात शिक्षिका अंशू पवार, दिव्यांशू सिंह, पारुल, प्रतिभा, साक्षी शर्मा, रीतू शर्मा, विभा यादव, शैल यादव, रीतू सिंह, मीनाक्षी सिंह, शुभ्रा श्रीवास्तव आदि का कहना है कि वह अपने गृह जनपद से सैकड़ों किमी दूर रहकर नौकरी कर रही हैं। ऐसे में उनका परिवार छूट जा रहा है, स्कूल समय में इनके बच्चों का देखभाल करने वाला भी कोई नही रहता है जिससे इन्हें दोहरी समस्या झेलनी पड़ती है। कई शिक्षक–शिक्षिकाओं का स्कूल दूर होने के कारण आवागमन में भी परेशानी होती है।
शिक्षकों ने बताया कि गत वर्ष कुछ लोगों के स्थानान्तरण होने से इनमें भी उम्मीद जगी थी कि अब इनका भी स्थानान्तरण हो जाएगा। लेकिन आश्वासन मिलने के बावजूद भी कोई प्रक्रिया नही होते देख इनकी उम्मीदें टूट रही हैं, इससे क्षुब्ध शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताने का तरीका अपनाया है।