इटवा में जड़ें मजबूत करने में जुटे बसपा उम्मीदवार अरशद खुर्शीद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। इटवा विधानसभा क्षेत्र से प्रभारी बनाये जाने के बाद बसपा नेता अरशद खुर्शीद इलाके में अपनी जड़ें जमाने में जुट गये हैं। इसके साथ पूर्व सांसद मो मुकीम के बसपा से निकाले जाने के बाद संभावित डैमेज कंट्रोल के लिए भी उनकी टीम पूरी रणनीति के साथ सक्रिय हो गई है।
बसपा प्रभारी बनाये जाने के बाद अरशद खुर्शीद के बारे में विपक्षी खेमे ने लोगों को यह संदेश दिया कि अरशद मुकामी नहीं हैं। जवाब में अरशद खुर्शीद के समर्थकों ने लोगों को बताना शुरू कर दिया है कि वह डुमरियागंज के बनगवा गांव के मूल निवासी हैं।
डुमरियागंज इलाके की तमाम रिश्तेदारियां इटवा इलाके में हैं, उन्हें यह पैगाम दिया जा रहा है कि वह इस जानकारी को पूरे विधानसभा क्षेत्र में शेयर करें ताकि लोगों के दिमाग से विपक्ष के झूठे प्रचार का खंडन हो सके।
दूसरी तरफ मुहम्मद मुकीम के समर्थन में पार्टी छोड़ने वालों के चलते हुए डैमेज पर कंट्रोल करने के लिए अरशद खेमे ने बहुत मजबूत रणनीति बनाई है। इसके तहत पहले चरण में लोगों को मनाने का काम शुरू कर दिया गया है। दरअसल अरशद खेमे का मानना है कि कुछ लोग मोहम्मद मुकीम को फिर से टिकट मिलने की उम्मीद है। इसीलिए वह संकोच में उनके साथ हैं।
टीम अरशद ऐसे लोगों को समझाने में लगी है कि बहिन जी का निर्णय अंतिम है। इस मुहिम का असर स्पष्ट देखा जा रहा है। अनेक लोग जल्द ही पाला बदल कर फिर से पार्टी में लौटने का आश्वासन भी दे चुके हैं। बकौल अरशद खुर्शीद मार्च महीने में वह तमाम नये लोगों को पार्टी से जोड़ने में कामयाब होंगे।
इसके अलावा अरशद खुर्शीद ने इलाके के छोटेे छोटे कार्यक्रमों में शिरकात कर लोगों से जुड़ने की रणनीति बनाई है। इसके तहत वह गंवई स्तर के खेल आयोजनों व अन्य धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। उनके भाई असलम खुर्शीद खुद भी अलग से टीम बना कर लोगों से ताल्लुकात बढ़ाने में लगे हैं।
इटवा विधानसभा क्षेत्र में बसपा की मजबूती के लिए पार्टी संगठन भी सक्रिय है। पूर्व सांसद मुकीम को पार्टी से निकालने के बाद बसपा संगठन के सामने यहां पार्टी को पहले से अधिक ताकतवर बनाने के काम को बसपाइयों ने चुनौती के रूप में लिया है। लिहाजा संगठन के लोग वहां काफी सक्रिय हो गये हैं।
इस बारे में बसपा उम्मीदवार अरशद खुर्शीद का कहना है कि बहिन जी की पार्टी के कार्यकर्ता मिशनरी के रूप में काम करते हैं। बसपा में किसी के पार्टी से बाहर होने का प्रभाव पार्टी पर नहीं पड़ता है। अगले चुनाव में बसपा सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में मतदाता पूरी समझदारी से बसपा के साथ रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह के भ्रामक प्रचार से दूर रहें।