हत्या का प्रयास के दोषी को 7, मारपीट करने वालों को एक वर्ष कारावास की सजा
देवेश श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। जनपद एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार मलिक ने हत्या के प्रयास, धारदार हथियार से हमला एवं मारपीट के दोषी सुग्रीव को सात वर्ष का कारावास व 21 हजार रुपये के अर्थदण्ड से तथा मारपीट के दोषी सत्यनारायण एवं शांति देवी को एक वर्ष के कारावास एवं एक-एक हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाते हुए सुग्रीव को सजा भुगतने हेतु जिला कारागार भेज दिया है।
घटना वर्ष 2016 में चिल्हिया थानाक्षेत्र के ग्राम टेकनार में घटी थी। टेकनार निवासी रामेश्वर पुत्र कामता ने पुलिस को तहरीर दिया कि 12 अक्टूबर 2016 को दिन में लगभग 1:30 बजे उनके भाई सत्यनरायन उनका लकड़ी ले जा रहे थे जिसे ले जाने से उनके लड़के प्रमोद ने मना किया इस पर नाराज होकर वो गाली गुफ्ता देने लगे तथा घर पर आकर भी गाली देते हुए आये मना करने पर सत्यनरायन पुत्र कामता व सुग्रीम पुत्र सत्यनरायन व शान्ति देवी पत्नी सत्यनरायन लाठी, डण्डा व हँसिया से उनके दरवाजे पर चढ़कर मारे।
जिससे उनका सर फट गया और पुत्री पुष्पा के पेट में धारदार हथियार से मारने से पेट की आंत में काफी गहरा घाव होने के कारण जिला अस्पताल सिद्धार्थनगर से गोरखपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। जो आईसीयू में भर्ती रही बोल नहीं पा रही। प्रमोद व रूनमति को काफी चोट लगी है। सभी लोगों का डाक्टरी मुआयना करा चुका हूँ। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ किया और विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन करते हुए हमले व मारपीट में इस्तेमाल किये गए हँसिये व डण्डे को बरामद किया और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेकर विचारण प्रारम्भ किया और विचारण के दौरान अभियुक्तों पर आरोप बनाकर साक्ष्यों का परीक्षण किया। विचारण की समाप्ति होने पर न्यायालय ने दोनों पक्षों का बहस सुनकर पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों, चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट, बरामदगी व अन्य प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन करके सुग्रीव को हत्या के प्रयास, धारदार हथियार से चोटिल करने एवं मारपीट का दोषी ठहराया तथा सत्यनारायण एवं शान्तिदेवी को मारपीट के अपराध का दोषी करार दिया।
पीड़ित पक्ष की पैरवी राज्य सरकार की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फ़ौजदारी अखिलेश नारायण श्रीवास्तव ने किया। सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने सुग्रीव को सात वर्ष के कारावास एवं 21 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित करते हुए कहा कि अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 3 माह 10 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी एवं सत्यनारायण व शान्ति देवी को एक वर्ष का कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 10 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।