प्रखर समाजवादी और पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव का निधन

November 22, 2016 1:10 PM0 commentsViews: 229
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एस.दीक्षित

ramnaresh

लखनऊ। पूर्व गवर्नर और यूपी के सीएम रहे समाजवादी नेता रामनरेश यादव का मंगलवार को लखनऊ में निधन हो गया। वे 89 साल के थे। उनका लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा था। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी।

किसानों की बने थे आवाज, 1977 में मिली थी सीएम की कुर्सी

जुलाई 1928 में यूपी के आजमगढ़ में रामनरेश का जन्म हुआ था। राम नरेश पहली बार चौधरी चरण सिंह की मदद से 1977 में जनता पार्टी के सीएम बने थे। वे किसानों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। उनको राजनीतिक माहौल घर से ही मिला था, क्योंकि उनके पिता गया प्रसाद महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे।

उन्होंने बीएचयू से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की और यहीं छात्र संघ की राजनीति से भी जुड़े रहे। इसके बाद कुछ वक्त के लिए वे जौनपुर के पट्टी स्थित नरेंद्रपुर इंटर कॉलेज में प्रवक्ता भी रहे। 1953 में उन्‍होंने आजमगढ़ में वकालत की शुरुआत की।रामनरेश ने समाजवादी विचारधारा के तहत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धांत, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी और खर्च की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आंदोलनों को लेकर कई बार गिरफ्तारियां दीं।

इमरजेंसी के दौरान वे मीसा और डीआईआर के अधीन जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केंद्रीय कारागार नैनी, इलाहाबाद में बंद रहे। रामनरेश 1988 में राज्यसभा सदस्य बने और 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अंदर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री और अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ली।

पिछले साल बेटे की भी हुई थी मौत

बीते साल व्यापमं घोटाले में आरोपी रामनरेश के बेटे शैलेष (52) की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम करने वाली टीम ने उनकी मौत का कारण जहर बताया था। वहीं, परिवार का कहना था कि शैलेष को ब्रेन हेमरेज हुआ था। बताया जाता है कि शैलेष इस बात से डरे थे कि उनकी प्रॉपर्टी कुर्क की जा सकती है।

शैलेष को आरोपी बनाने के बाद एसटीएफ की टीमें डेढ़ महीने में तीन बार यूपी आई थीं। दो बार लखनऊ और एक बार आजमगढ़। शैलेष के बड़े भाई कमलेश का कहना था कि शैलेष व्यापमं मामले में आरोपी बनाए जाने से मानसिक दबाव में थे।

 

 

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