डेढ़ हजार बीघा गेहूं फिर हुआ राख, जलती रही फसल, नहीं पहुंचीं फायर सर्विस की गाडियां, बिलखते रहे किसान

April 7, 2016 8:54 PM0 commentsViews: 1715
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नजीर मलिक

जलते हुए खेत और मौके पर शोक में डूबी ग्रामीण महिलाएं

जलते हुए खेत और मौके पर शोक में डूबी ग्रामीण महिलाएं

सिद्धार्थनगर। जिले में आज गुरुवार जलते दिन के रूप में याद किया जायेगा। एक दर्जन से अधिक गांवों में आज तकरीबन डेढ़ हजार बीघा गेहुं जलता रहा। लोग फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के लिए फोन पर गुहार लगाते रहे, लेकिन सब कुछ बेकार। आज की घटना में तकरीबन एक करोड़ से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक आगजनी कर सबसे बड़ी घटना पथरा थाने के गांव पिपरा रामलाल व अचलपुर में घटी। आज सुबह हुई आगलगी में राम अचल, शोयेब, शाहिद, हकीमुल्लाह, छांगुर, कासिम, शौकत, शकूर अली घोल्लर, लुटई आदि 21 किसानों की 2 सौ बीघा फसल जल कर राख हो गई।

मौके से कांग्रेस नेता डा. जावेद चौधरी ने बताया कि घटना एक महिला द्धारा गेहू का डंठल जलाने पर हुई। महिला का नाम सामने आने के बाद वहां दो गुटों में तनाव भी हुआ, मगर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हालात को संभाल लिया। वरना बड़ी घटना घट कती थी।

और कहां कहां लगी आग?

इसके अलावा जिले के बदलिया, मझौवा, बरगदवा में भी आग लगने से करीब सौ बीधा गेहूं कि फसल जल कर स्वाहा हो गई। इटवा थाने के नेबुअवा, दूर्गजोत, बदलिया, कपियवा नामक गांवों में आज लगी आग से तकरीबन दो सौ बीघा फसल जलने की खबर है। यहां ग्रीमणों की चीख पुकार शाम तक जारी थी।

इसी तरह मिश्रौलिया थाने के शुभौली व जिगिना गांव के सीवान में आग लगने से पचास बीघा फसंल जल कर खाक हुई। बांसी और जोगिया क्षेत्र में भी आगलगी से तीन दर्जन किसानों की दुनियां राख हो जाने की खबर है।

नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड कर गाड़ियां

बताया जाता है कि जिले में हर घटना के दौरान लोग फोन कर फायर ब्रिगेड की मदद मांगते रहे, मगर उनकी गाड़ियां अधिकांश जगहों पर नहीं पहुंच सकीं।  नतीजे में हर गांव में चीख पुकार मची रही। एक अफसर का कहना है कि घटनायं अधिक हुईं और गाड़िंयां कम थीं। इसलिए दिक्कत हुई।

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