सिद्धार्थनगर में बढ़ रहे हैं जटायू के वंशज, कैथवलिया में मिले गरुड़ के तीन बच्चे
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज के कैथवलिया गांव में एक गरुण के तीन बच्चे पाये गये है। इससे पूर्व पिछले पथरा और बर्डपुर इलाके में भी गरुड़ के बच्चे पाये गये थे। पक्षी विशेषज्ञ इसे आश्चर्यजनक घटना मान रहे हैं।
पुराणों में वर्णित जटायु गिद्ध का नाम भारत में अनजाना नहीं है। 40 साल पहले गांवों में किसी जानवर के मरने पर यह हजारों की तादाद में मिलते थे। फिर यह धीरे धीरे विलुप्त हो गये। लेकिन उस काल में वह यहां न घोंसला बनाते थे न प्रजनन करते थे।
कई दशकों बाद अचानक डेढ़ महीने पहले पथरा के एक गांव में एक व्यक्ति के घर में इनके दो बच्चे दिखे। पिछले महीने बर्डुपर में इनके चार बच्चे पाये गये। अब कैथवलिया गांव में भी इनके तीन बच्चे पाये गये हैं। गांव वाले इनकी सुरक्षा में लगे हुए हैं।
आखिर अपनी प्रकृति के खिलाफ गरुण इस तराई क्षेत्र में प्रजनन क्यों कर रहे हैं, इसका जवाब पक्षी विशेषज्ञों के पास फिल हाल नही है। एक विशेषज्ञ वीपी सिंह ने इतना बताया कि यी अदृभुत घटना है। इस पर शोध करना होगा कि अखिर विलुप्त हो रही गरुड़ प्रजाति के लिए यहां की जलवायु इतनी प्रिय क्यों गई है।