दर्दनाक हादसा–जा रहे थे देवी दर्शन को, महाकाल ने तीन श्रद्धालुओं को निगल लिया, गांव में कोहराम
नजीर मलिक
बेहद दर्दनाक थी आज की सुबह। घर से एक बच्चे के साथ तीन और लोग एक ही मोटर साइकिल पर सवार होकर देवी दर्शन के लिए निकले थे। समय की गति देखिए, रास्ते में महाकाल के रूप में एक डीसीएम ने उनकी मोटर साइकिल को सामने से सीधी टक्कर मार दी। बाइक सवार दो महिला और चालक की जान चली गई। ढाई साल का एक बच्चा अंश जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।
सिद्धार्थनगर के जोगिया कोतवाली के बकुरहवा गांव की 22 वर्षीय दीक्षा पुत्री घनश्याम अपनी बहन मनोरमा 23 और भतीजे ढाई साल के अंश के साथ बुधवार की सबह सात बजे गारखपुर जिले के लेहड़ा टाउन स्थित दुर्गा मंदिर में देवी दर्शन के लिए निकलीं थीं।
मोटर साइकिल उनका मामा 24 साल का मनोज चला रहा था। मनोज जिले के खेसरहा थाने के कड़जहा गांव का निवासी था। चारों एक ही मोटर साइकिल पर सुबह सात बजे बेहद उल्लास के साथ घर से निकले थे। उनकी वर्षों की इच्छा जो पूरी होने जा रही थी।
बताया जाता है कि तकरीबन आठ बजे उनकी मोटर साइकिल जिले के उस्का थाने के लक्षनपुर गांव के पास पहुंुची ही थीए कि गोरखपुर से आ रही डीसीएम ने सामने से मोटर साइकिल को टक्कर मार दी। डीसीएम पर केला लदा हुआ था।
एक्सीडेंट के समय सड़क पर खड़े लोगों के मुताबिक दोनों वाहनों में टक्कर इतनी जोरदार थी, कि मनोज और दीक्षा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। डीसीएम ने दोनों को बुरी तरह कुचल डाला था।
घायल मनोरमा और अंश को फौरन ही अस्पताल रवाना किया गयाए लेकिन मानोरमा ने रास्ते में दम तोड़ दिया। अंश को जिला अस्पताल में भरती किया गया है। उसके माथे पर गहरी चोट लगी है। वह जीवन और मौत के बीच झेल रहा है।
समाचार लिखे जाने तक उसका बाजार थाने के एसओ योगेन्द्र यादव ने डीसीएम को कब्जे में ले लिया था। तीनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी चल रही थी।
इस घटना की खबर बकुरहवा गांव पहुंचने के बाद वहां मातम छा गया है। दीक्षा और मनोरमा के पिता घनश्यामअ के घर कोहराम मचा हुआ है। आस पास स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं के पांडाल में भी लोग इस खबर के बाद से शोकाकुल हैं। कई स्थानों पर पांडालों के डीजे भी बंद कर दिये गये हैं।