चेहरे पर कालिख पोत कर बुजुर्ग को सरेआम घुमाने वाले चार गिरफ्तार, जेल भेजे गये
दबंगों के दबाव के चलते पहले पीड़ित ने पुलिस से घटना को मजाक बताया, मीडिया में खबरें आने के बाद सक्रिय हुई पुलिस दी गई तहरीर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। वृद्ध के चेहरे पर कालिख पोतकर घुमाने, च्प्पल की माला पहनाने और थूक चटाने के मामले में कार्रवाई न होने की खबर मीडिया में आने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने केस दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मजे की बात है कि गोल्हौरा थाने की पुलिस जहां इस मामले में तहरीर न मिलने की बात कह कर खुद को अलग कर रही थी, वहीं मीडिया में खबरें आने के बाद तहरीर भी मिल गई और चार अभियुक्त गिरफ्तार भी कर लिये गये।
बताया जाता है कि गोल्हौरा थाने के तिघरा घाट गांव में 75 वर्षीय बुजर्ग को गत वृहस्पतिवार को सार्वजनिक तौर पर बेहद अपमान तरीके से मुंह में कालिख लगा कर जूत चप्पलों की मामला पहना कर घुमाया गया था। इस घटनाके बाद पलिस जब मौके पर पहुंची तो पलिस के अनुसार उस बुजुर्ग ने बतायाकि यह तो मजाक था। उसने मामले में कोई तहरीर नहीं दी। बहर हाल जब यह खबरें मीडिया में आयीं तो पलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गोल्हौरा पुलिस ने छवि धूमिल करने, वृद्ध से दुर्व्यवहार सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर घटना में लिप्त अमन पुत्र ब्रजभूषन पांडेय, जफर पुत्र बैतुल्लाह, अखिलेश साहनी पुत्र रामानंद साहनी निवासी तिघराराय थाना गोल्हौरा तथा घनश्याम तिवारी उर्फ मुरलिया बाबा निवासी रमवापुर थाना पथरा बाजार को अलग–अलग स्थान से गिरफ्तार कर लिया गया।
सवाल है कि कथित अभियुक्तों ने 75 साल के एक बूढ़े के साथ ऐसा क्यों किया? इस संबंध में कोई स्पष्ट बताने को तैयार नहीं है। मगर चर्चा है कि उस बुजुर्ग ने किसी महिला से छेडखानी की थी। परन्तु इसके जवाब में यह भी कहने वालों की कमी नहीं है कि महिला तो बहाना है। दरअसल यह आरोप किसी पुरानी रंजिश के तहत लगा कर बुजुर्ग को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत किया गया। बहरहाल अगर महिला से गलत नीयत से बातचीत की घटना सही भी हो तो भी देश के कानून और संविधान की व्यवस्था के चलते किसी को सार्वजानिक रूप से अपमानित करने का अधिकार किसी को नहीं मिल जाता।
वैसे यह भी कहा जा रहा है कि पहले गांव वालों ने मिल कर इस घटना को दबा दिया था। प्रभावशाली तबके के गांव के दबाव के तहत उस बुजुर्ग ने भी तहरीर न देकर घटना को मजाक बताया था। मगर मीडिया में खबर आने के बाद पुलिस भी सक्रिय हुई तथा पीड़ित परिवार में भी हिम्मत बंधी। जिसके नतीजे में हैवानियत करने वाले चार लोगों को जेल भेजा जा सका।
इस संबंध में सीओ इटवा जयराम ने बताया कि पीडि़त की ओर से मिली तहरीर के आधार सुसंगत धारा में केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार करके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।