नवोन्मेष नाट्योत्सवःचिडियाघर नाटक ने व्यवस्था पर कटाक्ष के साथ दर्शकों को रुलाया भी
नजीर मलिक
नवेन्मेष नाटृय समारोह के दिन चौथे दिन भोपाल के कलाकारों ने चिड़ियाघर घर नाटक के माध्यम से व्यवस्था पर जम कर कटाक्ष किया, साथ ही दर्शकों की आंखें भी नम कीं। इस नाटक को देख कर लगा कि सिस्टम एक चिड़ियाघर है, जहां हर कोई मौका पाते ही वहां के पक्षियों का उत्पीड़न करने को उदृयत रहता है।
चिड़िया घर नाटक एक ऐसे बेरोजगार नौजवान की कहानी है जो हुनरमंद तो है, मगर उसके पास न डिग्री है न उसके पक्ष को बताने वाला कोई प्रमाणपत्र। रोजगार के लिए वह एक प्रमाणपत्र बनवाने निकलता है तो उसका सामना सरकारी तंत्र से होता है।
सरकारी तंत्र का यह कारनामा हर नौजवान किसान ने प्रमाणपत्र बनवाते वक्त भुगता होगा। कैसे तंत्र आपको शिकार समझ कर टूट पडता है और नोच लेता है, बस इसी के इर्द गिर्द पूरी कहानी का तानाबाना बुना गया है।
हेमंत देवलेकर की इस कहानी को निर्देशक आनंद मिश्र ने बहुत चुटीले और मार्मिक अंदाज में पेश किया है। अनेक बार तीखे व्यंग्य आपको हंसाने के साथ झकझोरते हैं, तो कई संवाद आपकी आंखों को नम कर जाते हैं।
लोहिया प्रेक्षागृह में आयोजित नाटक का शुभारंभ परिवार न्यायालय की न्यायाधीश मा.संगीता श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सेशन जज मा. अजय कुमार श्रीवास्तव व अपर जिला जज मा. मंजीत सिंह श्योराण ने दीप जला कर किया।
इस आयोजन के लिए नवोन्मेष संस्था के अध्यक्ष विजित सिंह की चर्चा न करना अन्याय होगा। इस नौजवान ने सीमित संसाधनों के बल पर जिस प्रकार देश की प्रमुख सात नाटक की टीेमों को बुलाया है, उसकी चर्चा पूरे जिले में है। नाटक अभी तीन दिन और चलेगा।