डुमरियागंज का उमेश हत्याकांडः इतनी छोटी सी बात पर 22 साल के नौजवान का कत्ल?

November 18, 2024 12:58 PM0 commentsViews: 923
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नजीर मलिक

बाईस साल का मृते उमेश

सिद्धार्थनगर। बाईस साल का उमेश अपनी बीमार मां के इलाज के लिए गुजरात के वापी शहर से कमा कर घर लौटा था। उमेश की मां तो जिंदा है मगर कुदरत ने ऐसा खेल खेला कि मां को बचाने आये उमेश को उसके पड़ोसियों ने मिल कर छोटी सी बात पर उसे मार डाला। कितना दर्दनाक है यह? उससे भी हैरतनाक है कत्ल की वजह।

रोती बिलखती उमेश की मां व परिवार की अन्य महिलाएं

डुमरियागंज थाना क्षेत्र के कूंड़ी गांव निवासी उमेश अपने पांच भाइयों में सबसे छोटा अरैर दुलारा था।वह गुजरात के वापी शहर में रहकर अपनी बीमार मां कलावती के इलाज के लिए छोटा मोटा काम कर कुछ कमा लेता था। दीवाली के पर्व के करीब वह मां के ज्यादा बीमार होने की खबर सुन कर घर आया था, जो वापस वापी जाने के लिए निकाल लिया था। उसे सोमवार को जाना था, मगर इसके ठीक दो दिन पहले उसकी हत्या हो गई। इस हत्या की खबर जितनी दर्दनाक है, हत्या की एक छोटी सी वजह भी चौकाने वाली है।

क्या थी कत्ल की वजह

बताते हैं कि करीब एक सप्ताह पूर्व कूड़ी गांव के ही सोविंद अपने घर तेज आवाज में डीजे बजा रहा था। मृतक उमेश अपनी बूढ़े मां को हार्ट की समस्या बता कर बंद करने को कहा था, जो आरोपियों को नागवार गुजरा इस  बात को लेकर वाद विवाद हुआ जो लोगों नें शांत करा दिया था। शनिवार को देर शाम अपने खेत के तरफ जा रहे उमेश को रोक कर सोविंद, सनमान शिव लाल व चंदू ने रोक कर हाथा पाई व मारपीट करने लगे इसी बीच सोविंद ने धारदार हथियार से उमेश पर हमला कर दिया जिससे उमेश घायल हो कर जमीन पर गिर गया।मौके पर पंहुचे परिजनों ने उसे सीएचसी वेवां ले गये जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद डुमरियागंज पुलिस ने नामजद सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।

डीजे पर खउ़ा हुआ सवाल

डुमरियागंज थाना क्षेत्र के कूंड़ी गांव में घटी यह घटना डीजे बजाने की परम्परा पर कई सवाल खड़ा करती है। डीजे की वाइब्ररेट करती आवाज बूढ़े, बच्चों और बीमारों के लिए बेहद खतरनाक है। कई बार वह कमजोर अथवा बीमार के दिल पर सीधे आघात कर उसे मरने पर मजबूर कर देती है। इसी खतरे को जान कर सप्ताह पूर्व उमेश अपने पड़ोसियों को मना करने गया था, जिसके नतीजे में वह कत्ल कर दिया गया।

पुलिस उठाये कड़े कदम

डीजे बजाने पर उसकी अधिक आवाज को लेकर पर प्रतिबंध है। मगर हर अवसर पर लोग इसका जम कर प्रयोग करते हैं।वह नहीं समझते कि यह जानलेवा है। हमारी पुलिस भी डीजे बजने पर अक्सर खामोश रहा करती है।  आज डीजे से हो रही मौतों को देख कर इसके रोकथाम की जरूरत है। उमेश हत्या कांड में उसका कसूर यही था कि वह अपने कानूनी अधिकारों के तहत डीजे बंद कराने गया था। बदले में उसे जान गवाना पड़ा। अगर पुलिस इस मसले पर सख्त रहे तो ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

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