डीएफओ को नहीं मालूम कि वन विभाग की नर्सरियों में कितने पौधे हैं?
संजीव श्रीवास्तव
चाैंकिए नहीं! सुनने में यह बात जरुर अटपटी लग रही है, मगर है सोलह आने सच। सिद्धार्थनगर के प्रभागीय निदेशक को नहीं पता है कि उनकी नर्सरियों में पौधरोपण लायक कितने पौधे हैं?
सिद्धार्थनगर को हरा भरा बनाने की जिम्मेदारी वन विभाग की है। इस कार्य के लिए विभाग ने दर्जन भर नर्सरियां स्थापित कर रखी हैं। जहां अर्जुन, भिलौर, सिरसा, बाबुल आदि के बेहन डालकर पौधे तैयार किये जाते हैं। सरकार ने पौधरोपण के लिए पौधों की साइज तय कर रखी है। शासनादेश के मुताबिक 4 फुट से 8 फुट के बीच के लंबाई वाले पौधे ही पौधरोपण किये जा सकते हैं।
कपिलवस्तु पोस्ट के रिपोर्टर ने इस मामले में प्रभागीय निदेशक जी.एस. सक्सेना से पूछा तो उनका सीधा जवाब था कि उन्हें नहीं मालूम कि कितने पौधे तैयार हैं। इस वर्ष वन विभाग को 375 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया था।
विभागीय कर्मियों के मुताबिक इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वन विभाग को कम से सवा चार लाख पौधों की आवश्यकता है। इनकी लंबाई 4 से 8 फुट के बीच होनी चाहिए।
सवाल है कि यह लक्ष्य कैसे पूरा होगा, जब विभाग के मुखिया को यह मालूम ही नहीं कि विभागीय नर्सरियों में कितने पौधे उपलब्ध हैं। इस सवाल के जबाव में प्रभागीय निदेशक का कहना है कि लक्ष्य पूरा होगा। अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में काफी समय बचा है।