घर में गैस सिलेंडर नहीं होने की वजह से गुड़िया ने दो बच्चों साथ गंवाई जान, सास दुर्गावती गिरफ्तार
नजीर मलिक
किसी के घर में गैस सिलेंडर न हो और घर की महिला उससे दुखी होकर अपने दो बच्चों के साथ जान दे दे, तो बात बहुत हैरत अंगेज हो जाती है। लेकिन यह हैरत अंगेज कारनामा खेसरहा थाने के बूढ़ी घोसियारी गांव में हुआ। 26 साल की गुड़िया ने इसी दुख के चलते दो बच्चों के साथ अपना जीवन समाप्त कर लिया।
गुरुवार को 26 साल की गुड़िया ने सुबह आठ बजे खुद तो जहर पिया ही, अपने सात साल के बेटे अमन और चार साल की बेटी उजाला को जहर पिला कर खुद के साथ दोनों अबोध जिंदगियों का अंत कर दिया। एक मां ने यह कैसे किया होगा, सवाल विचारणनीय है।
घटना की तहकीकात के बाद जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक गुडिद्यया की ससुराल में गरीबी की वजह से गैस सिलेंडर नहीं था। उसे इस पर सख्त एतराज था। उसका पति रामराम सूरत उर्फ बटानू कानपुर में मेहनत मजदूरी करता था। इस वजह से वह गैस सिलेंडर का इंतजाम नहीं कर पा रहा था।
इस मुदृदे पर गुड़िया की अपने सास ससुर से रोज किचकिच होती थी। घटना की शाम भी खाना बनाने के मुदृदे पर गुड़िया का ससुरालियों से झगड़ा हुआ।
लिहाजा गुरुवार की सुबह उसने अपनी बेटी और बेटे को जहर पिलाने के बाद खुद जहर पीकर जिंदगी समाप्त कर ली।
घटना के बाद गुड़िया के भाई अजीत ने खेसरहा थाने में अपने बहनोई रामसूरत व उसके मां बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने गुड़िया की सास दुर्गावती को गिरफ्तार कर लिया।
सवाल कई हैं
इस तिहरी मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। घटना से पहले कई महीनों से गुड़िया का पति राम सूरत नौकरी पर था। फिर उसे किस आधार पर नामजद किया गया।
यही नहीं गुड़िया ने गैस सिलेंडर नहीं होने पर गृहकलह की बात उठाई। उसके भाई रंजीत भी इसे मानते हैं। फिर सिलेंडर न होने की वजह से गुड़िया और उसके बच्चों की मौत का जिम्मेदार सास ससुर कैसे हो सकते हैं।
गुड़िया ने भवावेष में बहुत खतनाक फैसला लिया, लेकिन इसके जवाब में निर्दोष सुसराली को जेल क्यों? व्यवस्था छल रही है या दामन बचा रही है, कप्तान साहब! यह तो इंसाफ नहीं है।