‘ज़िला अस्पताल: अनाड़ी दलालों से इंजेक्शन दिलवाना हमारी मजबूरी है’
संजीव श्रीवास्तव
जिला अस्पताल में ड्रिप चढ़ाता अप्रशिक्षित व्यक्ति
“सिद्धार्थनगर के ज़िला अस्पताल में मरीजों का इलाज दलालों के भरोसे चल रहा है। भर्ती मरीज़ों को दवा से लेकर इंजेक्शन देने तक का काम डॉक्टरों की बजाय दलाल कर रहे हैं। ऐसे ही एक दलाल को कपिलवस्तु पोस्ट के रिपोर्टर ने शुक्रवार को अपने कैमरे में कैद किया। तस्वीर में ड्रिप चढ़ा रहा व्यक्ति अस्पताल का मुलाज़िम नहीं बल्कि एक अनाड़ी दलाल है जो उल्टी और दस्त से बेहाल एक नाबालिग को इंजेक्शन लगा रहा है। हाल यह है कि जिला अस्पताल में मरीज़ अपनी ज़िंदगी की आस लेकर आता है, मगर यहां पहुंचते ही कदम-कदम पर उसकी जान का सौदा शुरु हो जाता है”
सभी को पता है कि ज़िला अस्पताल में भर्ती से लेकर दवा, इंजेक्शन और ड्रिप लगाने में दबाकर रुपए वसूले जाते हैं, मगर अब स्थिति और बदतर हो गई है। ज़िला अस्पताल में मरीज़ों की देखरेख के लिए अनाड़ी दलालों को लगाना शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार दोपहर लगभग 1 बजे आपातकालीन वार्ड में करीब आधा दर्जन मरीज भर्ती थे, मगर एक किशोरी के साथ जो हो रहा था, उससे जानकार लोगों के रोंगटें खड़े हो गये।
उल्टी और दस्त से परेशान 16 साल की किशोरी को उसका परिवार जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा। मगर मरीज़ के भर्ती होते ही यहां मौजूद फार्मासिस्ट ने एक बाहरी व्यक्ति को दवा, इंजेक्शन देने का काम थमा दिया। वह व्यक्ति दरअसल ज़िला अस्पताल के परिसर में घूमने वाला दलाल था। फार्मासिस्ट का निर्देश पाकर वह इमरजेंसी वार्ड से इंजेक्शन वगैरह ले आया। चश्मदीद बताते हैं कि वह दलाल लाचार नाबालिग को इंजेक्शन दे रहा था और वह दर्द से चीख रही थी।
मगर अस्पताल के ही कई कर्मचारी दलालों की बढ़ती घुसपैठ से दुखी हैं। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर इन कर्मियों का कहना है कि जब सरकार अस्पताल को कर्मचारी नहीं दे रही है, तो इन दलालों का सहारा ही रहा जाता है। एक साथ कई मरीजों का इलाज एक व्यक्ति कैसे कर सकता है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ओपी सिंह का कहना है कि अस्पताल में कर्मचारियों की कमी के कारण ऐसा करना कभी-कभी आवश्यक हो जाता है। वैसे अप्रशिक्षितों द्वारा इंजक्शेन देना आदि उनके संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच करायी जायेंगी।