Vip seat– यूपी स्पीकर की सीट पर हमलावार हुआ विपक्ष, बसपा, भाजपा प्रत्याशी मांग रहे जवाब
एम. आरिफ
सिद्धार्थनगर जिले की इटवा सीट पर यूपी स्पीकर माता प्रसाद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।उनके विपक्षी बसपा और भाजपा के उम्मीदवारों इटवा के विकास का मुद्दा बना कर जनता के बीच में सवाल उठा रहे हैं। इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिख रही है। अरसे बाद यहां पहली बार भाजपा भी काफी मजबूत दिख रही है।
विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय अब तक 11 बार हुए विधानसभा चुनाव में छह बार निर्वाचित हुए हैं। इस बार बसपा के अर्शद खुशीर्द और भाजपा के सतीश द्धिवेदी क्षेत्र की समस्याओं को उठा कर विधानसभा अध्यक्ष से जवाब मांग रहे हैं। सपा के लोग इन सवालों का गोलमोल जवाब दे रहे हैं।
बरकरार हैं मूलभूत समस्यायें
पहले यहां के लोगों के सामने सड़क की समस्या का दर्द सबसे बड़ा था। लेकिन अब यह प्रमुख समस्या तो नहीं रही। लेकिन अन्य समस्याएं जस की तस हैं। विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के आवास परिसर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र ही बदहाल है। डाक्टरों की कमी के कारण यहां के लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। रोजगार के नाम पर बेरोजगारों के लिए यहां पर कुछ भी नहीं है।
आवागमन के साधनों की बात करें तो अभी तक यहां पर बस अडृडा नहीं बन पाया है। प्राचीन कस्बे के रूप में जाने जाने वाले इटवा कस्बे में मूलभूत सुविधाओं व संसाधनों का भी टोटा है। चार बार सत्ता में रहने के बाद भी विस अध्यक्ष इटवा को नगर पंचायत का दर्जा नहीं दिला सके। बिजली की समस्या तो यहां के के लिए नासूर से कम नहीं है। शिक्षण संस्थान की बात करें, तो यहां के युवाओं को इण्टर की शिक्षा के बाद उच्च अथवा तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर के जनपदों का मुंह देखना पडता है।
मूर्त रूप नहीं ले सका महिला अस्पताल
वर्ष 1989 में विधायक माता प्रसाद पाण्डेय जनता दल की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। इस बीच उन्होंने यहां पर महिला अस्पताल की नीवं रखवाई। महिला अस्पताल बनकर तैयार भी हो गया लेकिन आज तक यहां पर महिला डाक्टर की तैनाती नहीं हो सकी। बसपा उम्मीदवार अरशद खुर्शीद कहते हैं कि आज महिला अस्पताल का भवन खण्डहर में तब्दील हो रहा है। सत्ता में रहते हुए विस अध्यक्ष ने अस्पताल को शुरू कराने की तरफ ध्यान नहीं दिया।
पूरा नहीं हो सका चीनी मिल का सपना
वर्ष 2002 में इटवा की जनता ने फिर माता प्रसाद को अपना अपना रहनुमा चुना। तब उन्होंने लोगों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से इटवा से कुछ दूरी पर स्थित भिलौरी में वर्ष 2004 में चीनी मिल की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उसकी नींव भी रखवाई। तब लोगों को लगा कि अब जिले से रोजगार की समस्या काफी हद तकदूर हो जाएगी।लेकिन लोगों का यह सपना आज भी पूरा नहीं हो सका। चीनी मिल की स्थापना का सपना लोगों के लिए सपना ही रह गया। जिसे याद कर आज भी लोगों के दिल से टीस निकलती है।
विपक्षी बोले
बसपा उम्मीदवार अरशद खुर्शीद इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाते हैं और सवाल उठाते हैं कि ६ बार विधायक, मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रहने के बावजूद विधायक पांडेय जी क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को क्यों नहीं समाप्त कर सके।
दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी सतीश द्धिवेदी के समर्थकों का कहना है कि इस बार यहां की राजनीतिक मठाधीशी टूटेगी। जनता अब जागरूक हो गया है। वह क्षेत्र की समस्याओं से सम्बंधित समस्याओं का जवाब मांग रहा है।