उस्का बाजार पुलिस जुल्मः गरीब मुरली गुप्ता की मदद करना जावेद सिद्दीकी को कैसे भारी पड़ा, जानिये पूरी कहानी

September 7, 2019 11:40 AM0 commentsViews: 1247
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 — रिहाई मंच की जांच में हुआ पूरा खुलासा,  उस्का बाजार की पुलिस खुद को बताती है सिंघम-चुलबुल पाण्डेय

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। उस्का बाजार में गरीब मुरलीधर गुप्ता का घर गिराने  और उसके मददगार जावेद सिद्दीकी के मामले की जांच करने आई रिहाई मंच की टीम ने बड़ा खुलासा किया है। मंच ने इसे हिंदू मुस्लिम एकता को तोड़ने की साजिश माना है और पुरी घटाना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। पढिये पूरी कहानी।

रिहाई मंच ने सिद्धार्थनगर में योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले साफ-सफाई के नाम पर उसका बाजार थाना के समीप चाय की छोटी सी दुकान चलाकर गुजर-बसर करने वाले मुरलीधर गुप्ता की दुकान को तहस-नहस करने और उसके बाद जावेद सिद्दीकी को गैरकानूनी हिरासत में रखने और उनके भाई सुहेल सिद्दीकी पर मुकदमा दर्ज करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। पीड़ित ने जब मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की तो पूरे परिवार समेत उन्हें घर में ही कैद कर दिया गया।

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियां तो पहले ही जान ले रही थीं। मगर अब जिस तरह दरोगा खुद को सिंघम और चुलबुल पाण्डेय कहकर जनता को मारपीट रहे हैं,उससे हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं।  पिछले दिनों सिद्धार्थनगर के दौरे के दौरान उसका बाजार थाने के पास मुरलीधर गुप्ता की चाय की दुकान को थानाध्यक्ष के निर्देश पर तोड़े जाने और उसके मददगार जावेद नाम के व्यक्ति को अवैध हिरासत में रखने और उसके बाद उनके भाई पत्रकार सुहेल को फर्जी मुकदमे में फंसाने की घटना पुलिस की सांप्रदायिक जेहनियत को उजागर करती है।

उन्होंने कहा कि उसका बाजार की घटना जिसमें एक हिंदू व्यक्ति की मदद मुस्लिम व्यक्ति द्वारा करने के आरोप में दोनों को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है वो पिछले दिनों पुलिस की मानसिकता पर स्टेट आफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट के दावों को सही साबित करता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की नजर में 50 प्रतिशत मुस्लिमों का क्राइम की तरफ झुकाव है।

मानवाधिकार आयोग से शिकायत

उसका बाजार थाने के मुरलीधर गुप्ता ने इस बारे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश से भी शिकायत की है। उनका मकान थाना उसका बाजार परिसर की पूर्वी चारदिवारी के करीब है। मकान का एक दरवाजा पूरब सड़क की तरफ तथा दक्षिण में खाली जमीन पर खुलता है। इसी खाली जमीन पर उनकी गुमटी है। गुमटी के दक्षिण में थाने की चारदीवारी से बाहर निकलने का पहले कोई रास्ता नहीं था। लगभग दो साल पहले थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा गुमटी के दक्षिण दिशा में निकलने के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा चारदिवारी तोड़ दी गई थी। जिसे बाद में तैनात थानाध्यक्ष ने बंद करवा दिया था।

मौजूदा थानाध्यक्ष अंजनी कुमार राय ने 26 अगस्त को गुमटी को तोड़कर हटवा दिया। 27 अगस्त को कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र के भाजपा थाना परिसर में आए जहां वह उनसे मिलने गया। अपनी बात विधायक को बता रहा था कि थानाध्यक्ष ने कहा कि आप इसकी मदद क्यों कर रहे हैं, यह कटुवों के साथ रहता है और यह कह कर थानाध्यक्ष ने उसे गालियां देते हुए थाने से बाहर निकाल दिया। इसका विडियों मौजूद है।

उसी दिन थानाध्यक्ष ने गुमटी की जगह की जमीन खुदवाकर मिट्टी थाना परिसर में डलवा दिया और उसे हवालात में बंद कर दिया। हवालात से निकलवाकर थानाध्यक्ष ने कहा ‘मैं हिंदूवादी दरोगा हूं, मेरा चेहरा पहचान लो, मुझे सिंघम टू कहते हैं और जिस कटुए के दम पर तुम फूल रहे हो उस साले की दुकान न बंद करा दिया तो मेरा नाम अंजनी राय नहीं।’

पुश्तैनी जमीन थी मुरलीधर गुप्ता की

इस जमीन पर मुरली का परिवार लगभग पचास साठ साल से रह रहा है। लेकिन अंजनी कुमार राय ने 29 अगस्त को चार दिवारी की पूरब तरफ की  दीवार को तोड़कर वहां पर नया गेट स्थापित कर दिया। यह आपराधिक कृत्य उसकी रोजी-रोटी छीनने के उद्देश्य से किया गया। गुमटी हटाने का विरोध करने पर मुरली की पत्नी कुसुम को अंजनी कुमार राय ने गालियां देते हुए धमकी दी कि विरोध किया तो तुम्हें और तुम्हारे पति को नंगा करके थाने ले जाया जाएगा और बच्चों सहित पूरे परिवार को जेल भेजकर जीवन बर्बाद कर दिया जाएगा। कहीं से मदद न मिलने पर मुरली 30 अगस्त को पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर से मिलने गया। मुलाकात न हो सकी तो कार्यालय में अपना प्रार्थनापत्र देकर जिलाधिकारी से मिलने चला गया। उनके सामने अपनी फरियाद सुनाते हुए प्रार्थनापत्र दिया जिसे उन्होंने अन्य किसी अधिकारी को सौंप दिया।

जिलाधिकारी के जाते ही मीडिया ने उससे बात की। इसका वीडियो वायरल हुआ। 31 अगस्त को सिद्धार्थनगर में मुख्यमंत्री आने वाले थे और उसी दिन अंजनी राय ने मुरली के घर पर शैलेष शर्मा और गणेश सिंह कांस्टेबल को भेजकर कहलवाया कि घर से बाहर निकले तो तुम्हारी खैर नहीं। 1 सितंबर को उसके घर पर दो लेखपालों ने आकर बयान दर्ज किया। लगभग दो घंटे बाद उपजिलाधिकारी तथा उपपुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर थाने में आए और उसे और उसकी पत्नी को बुलाकर मौके पर चलने को कहा। थोड़ी देर बाद पता लगा कि जावेद सिद्दीकी को अंजनी कुमार राय ने उसकी दुकान से उठाकर थाने में बैठा दिया। मुरली पर सुलह कर लेने का दबाव बनाया।

 

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