कल जेल से रिहा हो जाएगी उजबेकिस्तान की दिलफरोज
नजीर मलिक
दो माह पूर्व सोनौली बार्डर पर पकड़ी गई उजबेकिस्तान की महिला दिलफरोज की सजा पूरी हो चुकी है। औरचारिकता पूरी होते ही कल उसके सिद्धार्थनगर जेल से रिहा होने की संभावना है।
परी चेहरा वाली बेहद खूबसूरत 27 साल की दिलफरोज को दस माह पहले सोनौली बार्डर पर नेपाल की मार्फत गैरकानूनी तरीके से भारत में घुसते समय पकड़ा गया था। बाद में महाराजगंज के न्यायालय ने उसे दस माह और बीस दिन की सजा सुनाई थी। उसकी सजा पूरी हो गई है।
यह है फ्लैश बैक
बताते चलें कि महाराजगंज जेल में कुछ दिन की सजा काटने के बाद दिलफरोज ने वहां के जेल अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले में वहां मुकदमा भी पंजीकृत हुआ था। इसके बाद उसे सिद्धार्थनगर जेल ट्रांसफर कर दिया गया था।
इस बारे में सिद्धार्थनगर के प्रभारी जेलर शमीउदृदीन का कहना है कि दिलफरोज की रिहाई का आदेश मिल चुका है। उसकी सजा पूरी हो चुकी है। उस पर पांच हजार जुर्माना भी लगा है। अगर वह जुर्माना अदा करेगी तो रिहा कर दी जायेगी, वरना उसे दस दिन की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
कौन हैं उजबेकी लड़कियां
उजबेकी लड़कियां आम तौर पर लंबे कद की और तीखे नाक नक्श वाली होती हैं। उनकी काफी तादाद भारत में है। जिनमें अनेक अवैध रूप से रह रही है। दरअसल उजबेकिसतान के एक वर्ग में गरीबी बहुत है। इसलिए वहां की लड़कियां भारत में वेश्यावृत्ति करने के लिए आती हैं।यह देश के अनेक महानगरों में फैली हुई हैं।
इस पेशे में लगी उजबेकी युवतियों का मानना है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत के लोग इस पेशे में शराफत और ईमानदारी से पेश आते हैं। दिल्ली और मुम्बई में उजबेकी सेक्स वर्करों की भरमार है। अक्सर उनके पकडे जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कहीं दिलफरोज तो उनमें शामिल होने तो नहीं जा रही थी, इस सवाल का जवाब फिलहाल अनुत्तरित है।