वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज्वी ने इस्लाम छोड़ कर हिंदू धर्म अंगीकार किया?
नव चयनित हिंदू धर्म में वसीम रिज्वी के स्थान पर उनका नाम हरबीर नारायण त्यागी रखा गया है
कुरआन पाक की 26 आयतों को हटाने की मांग कर वसीम ने महीनों पहले दे दिया था मुर्तद होने का सबूत
नजीर मलिक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म ग्रहण कर लिया है। अब वे वसीम रिजवी के बजाए हरबीर नारायण सिंह त्यागी के नाम से जाने जाएंगे। गत दिवस गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में आयोजित समारोह में उनका धर्म परिवर्तन किया गया।
इस दौरान उनका शुद्धिकरण किया गया, उसके बाद उनका नया नामकरण किया गया। भाजा शासन में अक्सर विवादों में रहने वाले वसीम रिजवी के धर्म परिवर्तन को लेकर मंदिर में कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए गएफ उन्होंने इससे कुछ दिन पहले मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने कुरआन पाक से 26 आयतों को हटाने के लिए याचिका भी दायर की थी। डासना मंदिर के पीठाधीश्वर यति चेतनानंद सरस्वती ने यह जानकारी दी।
UP News के दावे के अनुसार वसीम रिज्वी के इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अंगीकार करने की जानकारी पीठाधीश्वर यति चेतनानंद सरस्वती ने दी। स्वामी चेतनानंद के अनुसार वसीम रिजवी 5 नवंबर को मंदिर में आए थे और उसी दिन उन्होंने कह दिया था कि मृत्यु के पश्चात शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए और इसके लिए उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि को अधिकृत भी कर दिया था और उस दिन उन्होंने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना भी की थी।
यति चेतनानंद सरस्वती ने बताया कि आज वसीम रिजवी का डासना देवी मंदिर में धर्म परिवर्तन किया गया. इसके बाद वे अब इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू हो गए हैं। मंदिर में सबसे पहले तो उनका शुद्धिकरण किया गया और फिर हवन-यज्ञ भी किया गया। उसके बाद वसीम रिजवी का नया नामकरण भी किया गया है। मंदिर में ये सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए गए हैं।
जानिए कौन हैं वसीम रिजवी….
वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं और वे साल-2000 में लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से समाजवादी पार्टी के नगर सेवक चुने गए थे। फिर उसके बाद साल 2008 में वे शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में चेयरमैन बनाए गए थे। वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था।
बता दें कि वसीम रिजवी ने पिछले दिनों ही एक पुस्तक ‘मोहम्मद’ तैयार की है। उनकी इस पुस्तक पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रिजवी ने इस किताब के जरिये पैगंबर की शान में गुस्ताखी की है। इसके बाद रिजवी ने बयान जारी करके कहा कि उनकी कभी भी हत्या हो सकती है।
वैसे भाजपा शासन में वसीम ने जिस प्रकार अपने सुर बदले और भाजपा के ताल में ताल मिला कर मुसलमानों के खिलाफ आग उगल रहे थे। उसे उनके किसी भी कदम को हैरत से नहीं देखा जाना चाहिए।उन्होंने कुरआन शरीफ से 26 आयतों में को हटाने की मांग कर अपने मुर्तद होने का सबूत पहले ही दे दिया था।