विधायक के अपमान पर सरकार ने मांगा जवाब, नप सकती है कई अफसरों की गर्दन
अजीत सिंह
गोरखपुर। चिल्लूपार के विधायक व बसपा नेता विनय शंकर तिवारी को एक सरकारी समारोह में न बलाये जाने पर विधायक की नोटिस पर यूपी सरकार ने जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। शासन का पत्र पाते ही गोरखपुर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अगर प्रशासन के जवाब से शासन संतुष्ट न हुआ तो उस घटना के जिम्मेदार अफसरों पर गाज गिरना तय है।
बता दें कि बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी ने विधान सभा में विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि जिले के एक सरकारी आयोजन में जनपद के सभी सांसद-विधायकों को बुलाया गया, मगर उन्हें नहीं बुलाया गया। यह उनके विशेषाधिकार का उल्लंधन है और दंडनीय है।
विधायक ने सदन में कहा कि गत 9 अगस्त को जिले में प्रधान मंत्री शहरी आवास योजना के तहत प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित था। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में उनको छोड़ कर जिले के सभी सांसद और विधायकों को निमंत्रण पत्र भेजा गया।यही नहीं समाचार पत्रों में छपे विज्ञापन में भी उनको छोड़कर सभी सांसद-विधायक थे।
उन्होंने इसे जनप्रतिनिधि का का अपमान बताया था और सदन से विशेषाधिकार हनन के तहत जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। खबर है कि इस मामले में डीएम गोरखपुर ने नगर निगम आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगा है कि विधायक को उक्त कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया गया। इसका जवाब शासन को भेजने के बाद सदन तय करेगा कि वह अफसरों को सजा दे या उन्हें मुक्त करे।