नेपाली संसद में उठी भारत के राजदूत को देश से निकालने की मांग
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगरः नेपाल के वामपंथी सांसदों ने मंगलवार को नेपाली संसद में जबरदस्त हंगामा किया और नेपाल स्थित भारत के राजदूत रंजीत राय को नेपाल से बाहर करने की मांग की। उनका आरोप था की भारत ने सौ दिन से अधिक समय से व्यापार नाका को बंद कर नेपाल के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। यह नेपाल को परेशान करने की चाल है।
मंगलवार को नेपाल संसद में चर्चा के दौरान नेपाली किसान और मजदूर पार्टी के माननीय प्रेम सुवल और अनुराधा थापा ने भारत के राजदूत रंजीत राय के खिलाफ जम कर नारे लगाये। दोनों सांसद वामपंथी विचारधारा के हैं। उन्होंने राजदूत और भारत पर कई अनर्गल आरोप लगाये।
दोनाें माननीयों का कहना था कि अगर भारत इस तरह से नेपाल को झुकाना चाहता है तो उसका मुकाबला किया जायेगा। इसके क्रम में पहले राजदूत को भारत वापस भेजना जरूरी है। अब यह बहुत जरूरी लगने लगा है। नेपाली किसान मजदूर पार्टी के माननीय प्रेम सुवल और अनुराधा थापा मगर ने संसद में भारतीय राजदूत रंजीत राय के खिलाफ नारे लगाए।
याद रहे कि नेपाल में नया संविधान लागू होने के बाद से भारत और नेपाल के बीच तनाव चल रहा है। भारत से लगने वाले नेपाल के कई इलाक़ों में संविधान का विरोध हो रहा है। भारतीय मूल के नेपाली, जिन्हें मधेशी कहा जाता है, वह भारत होकर नेपाल जाने वाले सामानों को रोकने के लिए नाकाबंदी आंदोलन चला रहे है। ऐसे में भारत से नेपाल को होने वाली ज़रूरी सामानों की आपूर्ति में भी बाधा आ रही है जिसके कारण वहां दवा समेत कई चीज़ों की भारी क़िल्लत हो रही है।
नेपाल में बहुत से लोगों क आरोप है कि मधेशी यह सब भारत की शह पर कर रहे हैं। वह इसे मधेषी नाकाबंदी के बजाय भारत की विस्तारवादी नीति की नाकाबंदी कहते हैं, उनके मुताबिक इसका मतलब नेपाल पर संविधान में बदलाव के लिए दबाव डालना है। लेकिन भारत इससे इनकार करता है। नेपाल मज़दूर किसान पार्टी के दोनों सांसदों ने भारतीय नाकाबंदी को फौरन ख़त्म करने की मांग की है।