नेपाल में एसएसपी और गनर को जिंदा जलाया, गोलीबारी में 18 जवान सहित 21 मरे
नज़ीर मलिक
“पश्चिमी नेपाल के कैलाली ज़िले में थारू जनजाति के आंदोलनकारियों ने एसएसपी लक्ष्मण न्यौपाने और उनके अंगरक्षक पर पेट्रोल डालकर जला दिया। इनके अलावा दो सब इंस्पेक्टर केशव बोहरा, बलराम बिष्ट समेत 14 जवान क्रॉस फायरिंग में मारे गए। सुबह 11 बजे के आसपास अचानक शुरू हुई हिंसा में तीन थारू आंदोलनकारियों की भी मौत हुई। हिंसाग्रस्त इलाके में नेपाली सेना तैनात करने के अलावा यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।”
कैलाली के स्थानीय पत्रकार कर्ण कुंवर के मुताबिक हिंसा टीकापुर टाउन से शुरू हुई। तक़रीबन 10 हज़ार हथियारबंद थारू आंदोलनकारी टाउन में जमा हो गए। बंदूक, तलवार और भालों से लैस आंदोलनकारी थरूहट प्रदेश के समर्थन में नारेबाज़ी कर रहे थे। घंटेभर की नारेबाज़ी के बाद आंदोलनकारियों ने सरकारी दफ़्तरों पर क़ब्ज़ा शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में सभी टीकापुर पशुहाट पहुंच गए जहां एसएसपी लक्ष्मण और उनके गनर से मुठभेड़ हुई। मगर हज़ारों की तादाद में मौजूद उग्र आंदोलनकारियों ने अफ़सर और उनके गनर को घेरकर जला दिया।
कर्ण कुंवर ने बताया कि इस वारदात के बाद पुलिस और आंदोलनाकारियों में सीधा संघर्ष शुरू हो गया। दोनों तरफ़ से हुई गोलीबारी में दो अफसर समेत 18 जवानों की लाशें बिछ गईं और तीन थारू आंदोलनकारी भी मौत का शिकार बने। चश्मदीदों के मुताबिक घंटों चले इस भीषण संघर्ष पर अतिरिक्त पुलिसबल ने लगाम कसी। फिलहाल सभी प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ा जा चुका है। तक़रीबन 50 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
याद रहे कि नेपाल में प्रस्तावित संविधान को लेकर हिंसा का दौर शुरू हो गया है। नेपाल के दक्षिणी हिस्से या भारत के सीमावर्ती ज़िलों में मधेसी स्वायत्त प्रदेश की मांग कर रहे हैं। मधेसियों की तरफ से की गई हड़ताल में छह नागरिकों की जान जा चुकी है। वहीं पश्चिमी नेपाल के कैलाली ज़िले में थारू जनजाति के नेपाली नागरिक हैं। यह जनजाति भी अक्सर नेपाली सरकार पर उपेक्षा और भेदभाव का आरोप लगाती है और फिलहाल एक स्वायत्त प्रदेश के लिए थरुहट आंदोलन चला रही है।