डुमरियागंज सीटः 52 प्रतिशत मतदान, किसके पक्ष में दिखा क्या वोटरों का रुझान
रुझान तो समाजवादी पार्टी के पक्ष में ही हैं मगर बूथ के अंदर मशीन का बटन किसके पक्ष में दबा है, यह चार जून को ही स्पष्ट हो सकेगा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर इस बार मतदान कम हुआ है। पांचों विधानसभाओं में कुल ५२ फीसदी वोट डाले गये हैं। इन मतों का विधानसभावार मत विश्लेषण करने से हवा का रुख कुछ बदला बदला दिखता है। जनता में किसी के पक्ष में मतदान की अपेक्षा बदलाव की बयार अधिक देखने को मिली। मतदान का रुझान तो सपा के पक्ष में अधिक दिखा।
इस बार डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में 50.17 प्रतिशत व बांसी में 49.48 और इटवा में 49.83 फीसदी मत पड़े। जो दोनों क्षेत्रों के राजनीतिक जागरूकता के हिसाब से कम है। इसके उलट शोहरतगढ़ में 53.58 व कपिलवस्तु में 55.48 प्रतिशत वोट डाले गये। शनिवार सुबह से शुरू हुई वोटिंग में अधिकांश बूथों पर वोटरों का रुझान सत्ता पक्ष के खिलाफ दिखा। मिसाल के तौर पर डुमरियागंज क्षेत्र के तुरकौलिया तिवारी बूथ पर आम तौर पर भाजपा का वर्चस्व रहा करता है। भजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेन्द्र मणि यहीं के निवासी हैं मगर इस बार यहां के ब्राह्मण खुल कर सपा प्रत्याशी कुशल तिवारी के पक्ष में दिखे। जबकि इस गांव के मुस्लिम वोट को छोड़ हर वोट अरसे से भाजपा के पक्ष में जाता रहा है। इसी प्रकार इटवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कटरिया, देवरिया चमन जैसे बाहमण बाहुल्य गांवों के मत अतीत में भाजपा के पक्ष में पोल होते रहे हैं, लेकिन इस बार यहां के ब्राह्मण व अति पिछड़े भी सपा के साइकिल की रफ्तार बढाते देखे गये। यहीं हाल शोहरतगढ़ क्षेत्र के भाजपा के परम्परा समर्थक बूथ मुडिला शुक्ल का रहा। गाव के मतदाताओं ने बताया कि भाजपा के गठन के बाद इस बूथ पर पहली बार भाजपा के खिलाफ वोट डाले गये हैं। बांसी के कमहरिया मतदात केन्द्र पर भाजपा प्रत्याशी जगदम्बिका पाल के पक्ष में मतदाता एक जुट दिखे तो इसी क्षेत्र के हाटा मतदान केन्द्र पर भाजपा के समर्थक लोधी वोटों का रुझान सपा के पक्ष में दिखा।
भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात कुर्मी वोटों को लेकर होनी चाहिए। डुमरियागंज सीट के कुर्मी मतदाता आम तौर पर भाजपा के समर्थक माने जाते हैं। लेकिन पूरे लोकसभा क्षेत्र में मलदा, कंचनपुर वर्डपुर नम्बर एक, बढ़नी चाफा आदि गांवों के कुर्मी मतदाता भाजपा के जगदम्बिका पाल और असपा के अमर सिंह चौधरी के बीच में बंटे दिखे। अमर सिंह को दलितों वोटों के भी बड़े वर्ग का समर्थन देखा गया।छिपटपुट मुस्लिम वोटर भी उनके पक्ष में देखे गये हैं। इस प्रकार इस चुनाव में हारने के बाद भी अमर सिंह चौधरी एक ब़ड़ी ताकत के रूप में उभर सकते हैं। चुनावों में वोटरों का स्पष्ट रुझान सपा के पक्ष में दिखता है लेकिन 37 व 36 फीसदी मुस्लिम मतदाता वाले डुमरियागंज व इटवा क्षेत्र में औसत से 2 फीसदी मत कम प़ड़े हैं। इससे वहां सपा के पक्ष में मतदान की कमी का अनुमान है।
कुल मिला कर शानिवार को हुए मतदान के दौरान मतदाताओं का रुझान सपा के पक्ष में धिक देख गया। लेकिन अंदर बटन किसके चुनाव निशान पर दबा है यह बडे से बड़ा चुनावी विश्लेषक भी नहीं बता सकता है। इसके लिए आपको 4 जून का इंतजार करना ही होगा।