अलीम इंजीनियर के मैदान में आने से बदल गए हैं चार नम्बर क्षेत्र के समीकरण
संजीव श्रीवास्तव
सिविल इंजीनियर पद से रिटायर होने के बाद से निरंतर समाज सेवा में लगे हुए अलीम भाई ने क्षेत्र संख्या चार से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दिया है। इसके बाद से नेपाल के इस सरहदी इलाके के सियासी समीकरण पलट गये हैं। अलीम जैसे गंभीर व्यक्तित्व को सामने पाकर कई चुनावबाजों को अपनी रणनीति पर नये सिरे से विचार करना पड़ रहा है।
जमुहवा से लेकर पल्टादेवी, खुनुवाऔर गौरा के बीच का यह क्षेत्र नेपाल का सीमाई इलाका है। चार नम्बर के नाम से ज्ञात इस क्षेत्र से कम से कम आधा दर्जन उम्मीदवार अभी से सक्रिय हैं। इनमें सर्वाधिक चर्चा शोहरतगढ़ के पूर्व ब्लाक प्रमुख विनोद सामंत और फत्ते सेठ की थी।
सपा नेता विनोद सामंत को जहां अपनी सियासी पकड़ पर पूरा भरोसा था, वहीं फत्ते सेठ को अपनी सोशल इंजीनियरिंग पर यकीन था। परंतु इंजीनियर अलीम अहमद ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर वहां का सियासी तापमान बढा दिया।
निस्वार्थ समाज सेवा और गरीबों की मदद की वजह से वह इलाके में काफी सम्मान पाते हैं। उनके पुत्र अतहर अलीम ने कम उम्र में ही जिले की सियासत में अच्छा मुकाम बनाया है। दोनांे की मिली जुली ताकत यकीनन काफी मायने रख सकती है। नतीजा यह है कि अलीम को रोकने के लिए मजबूत उम्मीदवारों को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना पड रहा है।
शोहरतगढ़ क्षेत्र के ग्राम सिसहनियां निवासी अलीम भाई केवल इंजीनियर ही नहीं, इलाके के सम्पन्न किसान भी हैं। उनकी छवि पर कोई दाग नहीं है। सारे उम्मीदवारों में सर्वाधिक शिक्षित हैं। उनके समथर्कों को यकीन है, कि उन्हें कोई चुनौती देने वाला नहीं है। लेकिन उनके प्रतिद्धंदी ऐसा नहीं मानते। उनका कहना है कि जनता चुनाव में उम्मीदवार की संघर्ष क्षमता को महत्व देती है। फिलहाल चुनाव तो अभी दूर है, लेकिन अलीम भाई के चुनाव में उतरने से वहां का राजनीतिक माहौल समय से पहले गर्म तो हो ही गया है।