चाची और भतीजी की लड़ाई में कही तीसरी तो नहीं?
नजीर मलिक
सदर विधायक विजय पासवान की चुनौती को किसी गैर ने नहीं, उनकी भतीजी ने ही स्वीकार किया है। वार्ड संख्या 41 से विधायक की भाभी पियारी देवी के खिलाफ उनकी भतीजी शांति देवी पासी ने कड़ी चुनौती पेश कर रखी है। बीच में वंदना और पुष्पलता भी हैं।
अनुसूचित महिला के लिए रिजर्व इस वार्ड में नामांकन से पहले पियारी देवी की जीत की पूरी उम्मीद थी। उनका मुकाबला भाजपा नेता कन्हैया पासवान की पत्नी वंदना से माना जा रहा था। अचानक अंतिम क्षणों में शांति देवी ने पर्चा दाखिल कर पूरा गणित ही बिगाड़ दिया।
शांति का उनके घर के आस पास के गांवों में काफी असर है। ब्लाक प्रमुख के रूप में उन्होंने इन गांवों में काम भी किया है। चोरई, चोरवर, तिघरा और छितरापार जैसे दर्जन भर गावों में उनका असर बहुत है।
वह इस वार्ड की अकेली महिला प्रत्याशी हैं, जो घर घर पहुंच रही हैं। दूसरी तरफ वंदना पासवान के पास भाजपा का समर्थक वर्ग जुटा है। इसी बीच पुष्पलता ने भी अपनी पकड़ बनाई है।
पियारी देवी बसपा के नेता रहे स्वारथ पासवान की विधवा हैं। इसलिए उनके प्रति लोगों की सहानुभूति है, लेकिन वह घरेलू महिला हैं, उनके मुकाबले शांति देवी की छवि तेज तर्रार महिला की है।
इस वार्ड में एक तरफ सपा विधायक की प्रतिष्ठा है तो दूसरी तरफ उनकी भतीजी शांति देवी की प्रतिष्ठा दांव पर है। बीच में वंदना और पुष्पलता हैं। वैसे शांति की बढ़त साफ दिख रही है, लेकिन वंदना पुष्पलता भी चौंकाने वाले नतीज देने में सक्षम हैं।