अखिलेश जी! पानी के नाम पर जहर पी रहे हैं बुद्ध की धरती के वाशिंदे
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली के रुप में प्रसिद्ध सिद्धार्थनगर में रहने वाली 27 लाख आबादी पानी के नाम पर जहर पी रही है और जिम्मेदार विभाग आपस में जिम्मेदारी को लेेकर एक दूसरे का सिर फोड़ने पर आमादा है। ऐसे में यहां पर रहने वाले लोगों को स्वच्छ जल मिल पाना सपना बन गया है। जनता ने अब स्वच्छ जल के लिए प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव से गुहार लगायी है।
सिद्धार्थनगर में लगभग 27 हजार इंडिया मार्का हैंडपंप लगे है। जिनमें से लगभग दस हजार बेपानी है। इसमें तीन हजार से अधिक रिबोर लायक हैं। इसके अलावा जो नल पानी भी दे रहे हैं, जो पानी के साथ आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे खतरनाक जहर उगल रहे हैं। मजबूरी में आम नागरिक इन्हें गटक रहा है। उसे क्या मालूम है कि जो पानी वह पी रहा है, उससे उसकी प्यास तो जरुर बुझ रही है, मगर प्यास बुझाने इस पानी से उसके शरीर में तमाम रोग पनप रहे हैं।
जहां तक खराब नलों को ठीक कराने का सवाल है, तो इस जिम्मेदारी को लेकर जल निगम और पंचायत विभाग एक- दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। जल निगम का कहना है कि उसके जिम्मे सिर्फ नलों के रीबोर का काम है, मरम्मत पंचायत विभाग का काम है। जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी शशिकांत पांडेय का कहना है कि सिर्फ दो सौ रुपये तक की मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत करा सकती है। इससे अधिक का काम जल निगम कराती है।
दोनों विभागों की इस नुराकुश्ती में जनता पिस रही है। इसलिए उसकी आस अब सीएम अखिलेश यादव पर टिक गयी है। यहां की जनता ने सीएम से इस मसले पर ध्यान देने की मांग की है।