विश्व नाटक दिवस पर नयी पीढ़ी का नया आग़ाज ‘प्रतिरूप’
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। विश्व नाटक दिवस के अवसर पर 27 मार्च को जनपद स्तिथ शुभम पैलेस द्वारा भव्य कार्यक्रम ‘प्रतिरूप’ आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नयी पीढ़ी के नए आवाज़ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम शुभम पैलेस और संसप्तक नाट्य दल के सौजन्य से किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिव प्रकाश गौर वरिष्ठ पत्रकार पीटीआई व वशरमजीवी पत्रकार संगठन के प्रदेश महामंत्री रहे। इनके आलावा सिद्धार्थनगर जनपद के वरिष्ठ पत्रकार एमपी गोस्वामी, अनिल तिवारी, सलमान आमिर, प्रदीप वर्मा, परवेज़ आलम, राकेश यादव, विकास, शरद त्रिपाठी, वी पी राहुल व वरिष्ठ साहित्यकार और कवि डा. जावेद कमाल और नियाज़ कपिलवस्तुवि ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपना रंग बिखेरा।
‘प्रतिरूप’ कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों द्वारा हुआ फिर प्रतिरूप का आग़ाज़, कवि अरुणेश विश्वकर्मा तिरंगित पगड़ी पहन कर जहां संचालन का दायित्व उठाया वहाँ प्रवीण ने अपने सुरों के सरगम से सबका मन मोहित कर लिया। घड़ी का काटा जब आगे बढ़ा तो मंच ने स्वागत किया अपने सबसे युवा कलाकार स्टेप अप डान्स अकादमी के रेयांश उपाध्याय ने अपनी नृत्य के फ़्रीस्टायल थिरकन से दर्शक को मुग्ध कर दिया। अब बारी थी मंच के सबसे बड़े अध्याय नाट्य मंचन की जिसको पूरा किया अमन श्रीवास्तव ने अपने नाटक ‘मुद्दा क्या है?‘ से, दुनिया की कोई भी कला की अटक कविता है, और अगर वो ना हो तो कला बेरुख़ी है सिर्फ़ एक वस्तु है, ये कहाँ है संसप्तक नाट्य दल के निर्देशक श्री तोरित मित्रा ने लेकिन प्रतिरूप कार्यक्रम में कविता आत्मा लेकर आए दो युवा कवि पंकज सिद्धार्थ और अरुणेश विश्वकर्मा ने।
इसी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ एक सम्मान समारोह से जिसको प्रस्तुत किया कार्यक्रम में सम्मिलित कई वरिष्ठ अतिथियो द्वारा, कार्यक्रम में सभी भागीदारों को एक सर्टिफ़िकेट से सम्मानित किया गया जिसमें शामिल रहे वी पी राहुल, नियाज़ कपिलवस्तुवि, डॉ जावेद कमाल, मेराज अहमद और अन्य। विश्व नाटक दिवस आयोजन का समापन एक नारे के साथ किया गया जो था “ हम नाटक नहीं करते, हम ज़िंदगी करते है