उद्यान अधिकारी की मनमानी से पार्क जंगल बनने की ओर अग्रसर, बजट का हो रहा बंदरबांट
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर जनपद मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग का पार्क इन दिनों विभागीय अफसर की मनमानी की भेंट चढ़ रहा है। फूलों के स्थान पर पूरे परिसर में झाड़ी- झंखाड़ उग गये है। जिससे इसका स्वरुप जंगल में तब्दील होने लगा है। ऐसे में सुबह और शाम को पार्क में आकर टहलने वाले नगर वासियों का खुली हवा में सांस लेना दूभर हो गया है।
मालूम हो कि जनपद मुख्यालय पर उद्यान एवं वन विभाग का एक-एक पार्क है। वन विभाग के पार्क से पहले ही रौनक गायब थी, अब उद्यान विभाग का पार्क भी विभागीय उपेक्षा के चलते उजाड़ होने के कगार पर है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि दो वर्ष इस पार्क में कोई कार्य नहीं हुआ है। इस पार्क का जो भी बजट मिलता है, उससे दूसरे विभागों के पार्को की तस्वीर सुधारने के नाम पर पैसे का बंदरबांट कर लिया जाता है।
उद्यान पार्क में नगर के सैकड़ों लोग सुबह- शाम टहलने आते हैं। जो पार्क की उजड़ती हालत को देख काफी दुःखी है। उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष श्रवण बंसल, राणा प्रताप सिंह, पवन सिंह, शशांक पांडेय, राम शंकर पाठक, बाले वर्मा आदि का कहना है कि अगर पार्क की दुर्दशा पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो यह जंगल बन जायेगा।
इस सिलसिले में जिला उद्यान अधिकारी राजमणि शर्मा का कहना है कि पिछले वर्ष इस पार्क के पैसे से कलेक्ट्रेट, विकास भवन आदि अन्य स्थानों की फुलवारी पर खर्च किया गया है। जनपद मुख्यालय होने के कारण बड़े हाकिमों को खुश करना मजबूरी है। वैसे चालू वित्तीय वर्ष में इस पार्क के सौन्दर्यीकरण के लिए 41 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है।