जिले में यूरिया के लिए चारों ओर मचा हाहाकार, हाथ पर हाथ धरे बैठी सरकार

December 19, 2022 1:55 PM0 commentsViews: 320
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नजीर मलिक

इंटर नेट से साभार

सिद्धार्थनगर। पहले सूखा, फिर बाढ़ की मार झेलने के बाद अब जिले के किसानों को गेहूं की खेती के लिए डीएपी-यूरिया खाद की कमी से हलकान होना पड़ रहा है। साधन सहकारी समितियों पर यूरिया नहीं मिल पाने के कारण किसान परेशान हैं और उन्हें मजबूरन महंगे दाम में खाद लेनी पड़ रही है। जिले में यूरिया के लिए हाहाकार मचने का कारण मांग से कम आपूर्ति तथा खाद की नेपाल को तस्करी बताई जा रही है।

जिले किसान डीएपी और यूरिया खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। सहकारी समितियों व किसान सेवा केंद्रों पर भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। गेहूं की सिंचाई के बाद यूरिया की आवश्यकता किसानों को है, लेकिन बाजार से यूरिया नदारद है। किसानों ने यूरिया की कमी को लेकर रोष जताया है। पहले गेहूं की बुआई के समय डीएपी के लिए परेशान रहे और अब गेहूं की सिंचाई बाद यूरिया खाद की जरूरत पूरी नहीं हो रही है। बाजार में अगर कहीं यूरिया है तो भी वहां किसानों से 450 से 550 रुपये प्रति बोरी मांगा जा रहा है। यही नहीं नेपाल के सीमावर्ती  क्षेत्र के तुलसियापुर, झुलनीपुर, कठेला, केवटलिया, महादेव घरहू, बढ़नी व योहरतगढ़ आदि कस्बों व चौराहों पर मौजूद खाद की दुकानों पर दुकानदार यूरिया को अधिक दामों पर बेंच रहे हैं। क्षेत्र के किसानों ने डीएम से साधन सहकारी समितियों पर यूरिया उपलब्ध करवाने की मांग की है।
इस बारे में विकास खंड बढ़नी के ग्राम तुलसियापुर के किसान असगर अली ने बताया कि सहकारी समितियों पर यूरिया न होने से प्राइवेट दुकानदार मौका भुनाने में लगे हैं और 267 रुपये की यूरिया 530 में बेच रहे हैं। सरकार, किसान हित की बात कर रही है, जबकि एक-एक बोरी यूरिया के लिए लोग परेशान हैं।

इसी प्रकार ढेबरूआ के एक अन्य किसान रामदेव गुप्ता  के अनुसार पहले साधन सहकारी समिति औदही कलां, बोहली, परसा, ढेबरुआ व बसहिया में खाद मिलती थी, अब वहां ताला लटक रहा है। जिसका फायदा दुकानदार उठा रहे हैं।  इसलिए क्षेत्र के किसानों को डीएपी व यूरिया नहीं मिल पा रही है। अगर किसी दुकानदार के पास यूरिया उपलब्ध भी है तो प्रति बोरी का 500 रुपये वसूला जा रहा है। औंदही के किसान राम औतर चौहान की मानें तो पहले गेहूं की बुआई के समय डीएपी नहीं मिली और गेहूं की सिंचाई के बाद यूरिया के लिए किसान भटक रहे हैं। किसानों की समस्याओं पर किसी की नजर नहीं पड़ रही है।

जिला कृषि अधिकारी ने कहा…

इस सम्बंध मेंजिला षि धिकारी सीपी सिंह का कहना हैकि उन्हेंकिसानों की समस्या का ज्ञान है।
यूरिया की कमी दूर करने के लिए उनके द्धारा निदेशालय को अवगत कराया गया है। दो-तीन दिनों के भीतर साधन सहकारी समितियों पर यूरिया खाद पहुंच जाएगी।  Mडuहोंनेकिसानों से धैर्य रखने की अपील की है।

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