अमृत महोत्सव कवि सम्मेलन: मेरे सपनों वाला देश, मेरे अपनों वाला देश

August 16, 2023 8:45 PM0 commentsViews: 880
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अजीत सिंह 

सिद्धार्थनगर। आज़ादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत मेरी माटी मेरा देश शीर्षक कवि सम्मेलन में बुद्ध भूमि के मूर्धन्य कवियों ने देश की माटी से प्रेम और आपसी भाईचारे को समर्पित एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर जंग ए आज़ादी के शहीदों को नमन किया।  

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर लोहिया कला भवन में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवित्री सलोनी उपाध्याय की सरस्वती वंदना से हुआ। कृष्ण कुमार मिश्र किशन द्वारा माटी को समर्पित गीत सकल विश्व परिवार हमारा देती है संदेश, मेरी माटी मेरा देश, प्रस्तुत कर वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया गया। डॉ. शरदेन्दु त्रिपाठी ने वीर रस से ओतप्रोत रचना सामने जो भी आए माफिया, मिट्टी में मिला देते हैं, प्रस्तुत कर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

डॉ. विनयकांत मिश्रा ने अपनी कविता में देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सजीव बखान किया। डॉ. सीमा मिश्रा ने देश की रंगबिरंगी संस्कृति को समर्पित गीत मेरे सपनों वाला देश, मेरे अपनों वाला देश प्रस्तुत कर समां बांध दिया। वरिष्ठ रचनाकार डॉ. गोविन्द ओझा प्रेम का मुक्तक मैं अपने मुल्क की मिट्टी को अपनी जान लिखूंगा खूब सराहा गया।

सलमान आमिर की नज्म कश्मीर हमारा है, अक्साई हमारा है को जोरदार वाह वाही मिली। युवा कवि दिलीप द्विवेदी ने अपनी माटी की बोली में सुमधुर गीत हर इतिहास कय पन्ना पन्ना गावे ला गुनगान, आपन भारत देश महान पेश कर जबरदस्त तालियां बटोरीं। कवि सुजीत जायसवाल के देशप्रेम से ओत प्रोत मुक्तकों पर जबरदस्त तालियां बजी। शायर शादाब शब्बीरी की गजल खुदाया तिरंगा सलामत रहे बहुत सराही गई। गंगेश मिश्र अनुरागी की रचना जिसकी कण कण में समता है ऐसा मेरा देश को खूब सराहा गया।

संघशील झलक ने जरूरत क्या है इक दूजे को आजमाने की पेश कर एकता और भाईचारे का पैगाम दिया। शिवसागर सहर की रचना रंग बिरंगी एक ही धरती जिसको भारत कहते हैं के माध्यम से अपनी माटी का बखान किया। सलोनी उपाध्याय के मुक्तक और वीर रस के गीत की श्रोताओं ने खूब सराहना की। पंकज सिद्धार्थ ने आओ भारत की सीमा का दर्शन करें रचना के माध्यम से खूब वाहवाही लूटी। अनिरुद्ध मौर्या के मधुर गीतों पर श्रोता झूमते रहे। विजय कृष्ण नारायण सिंह, किरन लता सिंह, डॉ. अमित शर्मा, प्रदीप वर्मा एवं मंच संचालक नियाज़ कपिलवस्तुवी की देशप्रेम एवं अपनी माटी को समर्पित रचनाएं भी सराही गयी।

मंच पर सभी कवियों की रचनाओं की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए मुख्य अतिथि सांसद जगदंबिका पाल ने कहा बुद्ध की धरती से दुनिया को प्रेम, बंधुत्व, एवं भाईचारे का सशक्त संदेश देती इन सभी रचनाओं को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित कर आगामी कपिलवस्तु महोत्सव में लोकार्पित किया जाएगा।

जिलाधिकारी संजीव रंजन, मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार, परियोजना निदेशक नागेंद्र मोहन राम त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके झा, खंड विकास अधिकारी कृतिका अवस्थी, अपर सूचना अधिकारी विमलेश कुमार, भाजपा जिला संयोजक कन्हैया पासवान, साहित्य सुधा के उपाध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष पंकज पासवान, प्रधान सहायक नजमुल हुदा, विनय सिंह, कर्मचारी नेता रामकरन गुप्ता, कैलाश मणि त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति रही।

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