समाजिक रुतबे की दौड़ यानी असलहों की होड़ में बांसी अव्वल, डुमरियागंज इटवा भी टाप पर

September 6, 2015 12:12 PM0 commentsViews: 1668
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नजीर मलिक

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लाइसेंसी असलहा लेकर घूमना वर्तमान में स्टेटस सिम्बल बन चुका है। पिछले दो दशक में सिद्धार्थनगर में भी असलहा खरीदने की होड तेज हुई है। सर्वाधिक 521 असलहों के साथ बांसी कोतवाली अव्वल नम्बर पर है। 488 के साथ डुमरिया गंज और 438 असलहों के साथ इटवा थाना क्षेत्र बांसी से कडा मुकाबला कर रहा है।
सरकारी आंकडों के मुताबिक जिले में लाइसेंसी असलहों की कुल तादाद 3 हजार 9 सौ 81 है। इनमें सर्वाधिक 521 लाइसेंसी असलहे बांसी थाना क्षेत्र के नागरिकों के नाम हैं। इसके बाद डुमरियागंज थाना क्षेत्र है, जहां 488 असलहे हैं। वह बांसी के बाद दूसरे नम्बर पर है। 428 के साथ इटवा तीसरे नम्बर पर पहुंचा हुआ है। उसके बाद सदर थाना क्षेत्र का है, जहां 280 असलहाधारी है।

इसके अलावा ढेबरुआ थाना क्षेत्र में 252, खेसरहा में 238, त्रिलोकपुर में 237, शोहरतगढ़ में 228, मोहाना में 191, चिल्हिया में 173, गोल्हौरा में 170, उस्का बाजार में 161, श्रिौलिया में 155, पथरा में 142, भवानीगंज में 121 व्यक्तियों के पास लाइसेंसी असलहे है। लोटन में 85, कपिलवस्तु में 53 और जोगिया में मात्र 48 व्यक्तियों के पास असलहे हैं। इनमें सर्वाधिक 12 बोर के है। इसके बाद रिवाल्वर और राइफल का नम्बर है। लाइसेंसधारियों में अधिकतर राजनीतिज्ञ, पूर्व सामंत और बउे किसान व सेठ वर्ग शामिल है। इनमें तकरीबन 50 महिलाएं भी हैं।

सूबे में अन्य जिलों के मुकाबले यहां अपराध कम होते है फिर भी पिछले ढाई दशक में यहां लाइसेंसी हथियारों की तादाद में दो गुने से अधिक का इजाफा हुआ है। हालांकि चुनाव व अन्य संवेदनशील माहौल में सरकार आम तौर असलहों को जमा करा लेती है। इसे थाने में जमा करने फिर रिलीज कराने में काफी भागदौड करनी होती है। शिकार पर भी प्रतिबंध होने के कारण इनका प्रयोग संभव नहीं है। फिर भी लोग इसके लाइसेंस बनवाने में लंबी रकम खर्च करने को तैयार रहते हैंे। लोगों की मानें तो बंदूक रिवाल्वर रखना हैसियत का प्रतीक बन गया है।

एक थानेदार का कहना है कि आज के माहौल में इन असलहों का कोई उपयोग नहीं है। अधिकांश बंदूकें अक्सर घरों में ही रहती है। खास मौके पर ही लोग अपना असलहा लेकर समाज में जाते हैं ताकि उनका रुतबा बढ सके, और ररुतबा बढाने का सबसे आसान तरीका कंधे पर बंदूक या फिर कमर में बंधी रिवाल्वर अधिक अपयुक्त है।

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