कुशीनगर रेल हादसे में मृत बच्चों के परिजनों को भारत सरकार दे रही बाउंस चेक

May 16, 2018 4:54 PM0 commentsViews: 595
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अनीस खान

गोरखपुर। गोरखपुर मंडल के कुशीनगर जिला अंतर्गत कस्बा दुदही रेलवे स्टेशन के पास बहपुरवा रेलवे क्रासिंग पर 26 अप्रैल को पैसेंजर ट्रेन और स्कूल वैन की टक्कर में अपने कलेजे के टुकडों को खो चुके पीड़ित अब सिस्टम की मार झेलने को विवश हैं। हालत ये है कि पीड़ितों को दिये गये सरकारी चेक बाउंस होकर वापस होते जा रहे है और पीड़ितों के खाते से कलेक्शन के नाम पर सैकड़ों रूपये भी काट लिये जा रहे है।

ट्रेन की चपेट में स्कूली वैन के आने से मरे 13 मासूमों के परिजनों के आंसू पोछने के लिए प्रदेश सरकार व रेल प्रशासन ने 2-2 लाख रुपये का चेक तो दिया, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही व बैंक की मनमानी से पीड़ितों के खाते में पैसे नहीं पहुंच पा रहे है। स्थिति यह है कि रेलवे द्वारा दिए चेक को बैंक वाले जमा नहीं कर रहे हैं वहीं जिला प्रशासन द्वारा दिए गए कई चेक ऑब्जेक्शन लगाकर वापस आ रहे हैं. यही नहीं चेक क्लीयर न होने के बावजूद भी क्लीयरेंस के नाम पर पीड़ितों के खाते से रकम अलग से कट जा रही है. अब पीड़ित परिजनों ने आरटीजीएस के जरिए धनराशि खातों में आंतरित करने की मांग की है.

मालूम हो कि 26 अप्रैल की सुबह थावे से गोरखपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन की चपेट में स्कूली वैन के आ जाने से 13 मासूमों की मौत हो गई थी. हादसे के शिकार 13 मासूमों के आठ परिवार को रेल विभाग और जिला प्रशासन ने दो-दो लाख के हिसाब से घटना के दिन ही चेक उपलब्ध करा दिया था. आनन-फानन में दिए गए चेक में त्रुटियां थीं. जिसके बाद पीड़ितों को गलती दुरुस्त कराने के लिए कई बार तहसील का चक्कर काटना पड़ा. लेकिन समस्या यहीं ख़त्म नहीं हुई.

हादसे में अपने दो बेटों को खोने वाले हैदर ने जब तहसीलदार द्वारा दिए गए चेक को बैंक मे जमा किया तो ऑउट ऑफ रेंज की टिप्पणी के साथ वापस आ गया. अपने तीनों बच्चो रवि, टुन्नु और रागिनी को खोने वाले मिश्रौली निवासी अमरजीत को मिले छह-छह लाख के दोनों चेक क्लीयर नहीं हो सके.

रेल विभाग के चेक को बैंको ने वाराणसी भेजा है, जो दस दिन बाद भी क्लियर नहीं हुआ है. अमरजीत को तहसील प्रशासन द्वारा दिए गए चेक की धनराशि दो-दो बार खाते में क्रेडिट होने के बाद बैंक ने वापस ले लिया है। अमरजीत को मिले चेक भी आपत्ति लगकर दो बार वापस आ चुका है. रुपये तो अमरजीत के खाते में क्रेडिट नहीं हुए. उल्टे बैंक ने दो बार में 236-236 रुपये जरूर काट लिए हैं

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