दस साल की तरन्नुम को आवारा कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मार डाला, गांव के अन्य बच्चे दहशत में

February 8, 2024 12:55 PM0 commentsViews: 1194
Share news

कुदरत का खेल, कुत्तों घिरी दस साल की मासूम तरन्नुम चीख चीख कर भागती रही और आवारा कुत्ते उछल उछल कर उस मासूम को नोचते रहे

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। दस साल की वह बालिका चिल्लाते हुए इधर से उधर भाग रही थी। उसके पीछे दौड़ते आवार कुत्ते उसे उछल उछल का नोंच रहे थे। उसकी बचाओ- बचाओ की मर्मांतक चीखे तेज होती जा रहीं थीं। जब तक गांव के लोग मौके पर पहुंचे उस मासूम की चीखें शांत पड़ने के साथ सांसें भी थम चुकी थीं। मरने वाली बालिका का नाम तरन्नुम था। वह इटवा थाना क्षेत्र के बरगदवा पश्चिम गांव निवासी आबिद की पुत्री थी और कक्षा चार में पढ़ती थी। यह दर्दनाक घटना गांव के पूरब सीवान में अपरान्ह चार बजे के बीच घटी।  तरन्नुम उस वक्त अपनी बकरियों के लिए घास काट रही थी। इस घटना को प्रत्यक्ष रूप से देखने वाले कई बच्चे अभी भी दहशत में बोल नहीं पा रहे हैं। उनमें अभी भी दहशत छायी हुई है। घटना गुरुवार अपरान्ह 4 बजे की है।

स्कूल के बाद बकरी चराने गई थी तरन्नुम

तरन्नुम का परिवार बकरी पालन के सहारे जीवन यापन करता था। बताते हैं कि गुरुवार दोपहर को तरन्नुम जैसे ही स्कूल से घर आई वह घर की बकरियों को लेकर गांव के पूरब चराने निकल गई। गरीब  उसकी बकरियां चरने में लग गई और इस दौरान वह बकरियों के लिए घास भी काटने लगी। उसके आस पास कुछ और बच्चे भी बकरी चरा रहे थे। घटना को देखने वाले प्रत्यक्षदर्शी बच्चों के अनुसार तरन्नुम बैठी घास काट रही थी कि एक कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया। व जब तक उसे भगाती उसके साथ के सात आठ अन्य कुत्ते भ् उस पर झपट पड़े। इसके बाद वह चिल्ला चिल्ला कर मदद की गुहार करते हुए भागने लगी और कुत्ते उसे उछल उछल कर नोचने लगे। बच्चों के अनुसार कुत्तों के हमले का यह दृश्य बहत भयानक था।

गांव वाले दौ़ड़े तो, मगर बचा न सके

कुत्तों का यह उग्र रूप देख कर बच्चे भी उर कर शोर मचाते हुए गांव की तरफ भागे। उन्हों ने गांव पहुंच कर लोगों से यह भयानक वाकया बताया तो गांव वाले लाठी डंडा लेकर सीवान की ओर भागे। ग्रामीण भाग कर मौके पर पहुंचे तो खाकि वहां मासू तरन्नुम की लाश पड़ी थी और कुत्ते तब भी उसे नोच रहे थे। ग्रमीणों ने मुश्किल से कत्तों को भगा कर तरन्नुम की लाश को कब्जे में लिया। इस खौफनाक मंजर को देख ग्रामीण भी हाय हाय करने लगे।

दहशत से बोल नही पा रहे बच्चे

घटना के बाद पुलिस को भी सूचना दी गई। इसके बाद पलिस आई और पूछताछ के बाद ग्रामीणों के सहयोग से  तरन्नुम को देर रात दफन कर दिया गया। बता दें कि उसके पिता आबिद की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी है। घटना की खबर पर मौके पर पहुंचे प्रधान प्रतिनिधि  व्यास चतुर्वेदी सहित पप्पू, कादिर, चन्द्रभान आदि ने बतायाकि इस दर्दनाक घटना का बयान कठिन है। घटना के समय सीवान में रहने वाले बच्चे इतनी दहशत में हैंकि वह अभी तक बोल नहीं पा रहे हैं। उस घटना से गांव में मातम का माहौल है।

 

 

 

Leave a Reply