डुमरियागंज लोकसभा सीट से टिकट के लिए कांग्रेस में बढ़ती जा रही भीड़, लौट रहे पुराने दिन?

October 4, 2023 12:39 PM0 commentsViews: 1185
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। लोकसभा चुनाव में अब केवल छः महीने  बाकी बचे हैं। विभिन्न राजनीतिक दल लोकसभा सीटो के चुनाव के लिए अभी से योग्य और जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में लग गये हैं। इसके लिए वे विभिन्न सर्वे एजेसियों समेत अपने अन्य श्रोतों का सहारा ले रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस पार्टी और उनके नेता राहुल गांधी की लोक प्रियता में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। मुस्लिम और दलित वोटों में कांग्रेस ने जिस प्रकार अपना जनाधर बढ़ाया है उससे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों में तेजी से इजाफा हुआ है। यही कारण है कि इस बार चुनाव से 6 महीने पूर्व ही कांग्रेस से टिकट मांगने वालों की सूची लम्बी होती जा रही है।

कौन कौन हैं संभावित उम्मीदवार

मिली जानकारी के अनुसार जिले की इकलौती लोकसभा सीट डुमरियागंज से कांग्रेस के टिकटार्थियों की सूची लम्बी है। कांग्रेस  से गत चुनाव डा. चंद्रेश उपाध्याय ने चुनाव लड़ा था और वे तीसरे नम्बर पर रहे थे। इस बार भी चन्द्रेश उपाध्याय व पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक बताये जा रहे हैं। लेकिन इस बीच विधनसभा इटवा से गत चुनाव संघर्षपूर्ण तरीके से लड़ कर पराजित होने वाले पार्टी नेता अरशद खुर्शीद एक नये दावेदार बन कर उभरे हैं। इसके अलावा डुमरियागंज के कांग्रेस नेता सच्चिदानंद पांडेय भी अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बदरे आलम का हाल में कांग्रेस में शामिल होना इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।  इसके अलावा कुछ लोग और भी हैं जो अभी अपने नाम का खुलासा नहीं करना चाहते हैं।

तेजी से बढ़ रही कांग्रेस की लोकप्रियता

2019  के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से मात्र दो लोगों ने टिकट मांगा था। मगर 2024 के चुनाव में कांग्रेस के ओर से आवेदकों की लम्बी फेहरिस्त के पीछे का राज कांग्रेस की बढ़ती हुई लोकप्रियता बताई जा रही है। बताया जाता है कि कांग्रेस के महागठबंधन का हिस्सा बनने और डुमरियागंज लोकसभा सीट के कांग्रेस के हिस्सें में जाने की संभावना से कांग्रेस में उत्साह है। इसके अलावा दूसरी वजह कांग्रेस का तेजी से बड़ता जनाधार है। कांग्रेस के एक नेता विश्वम्भर श्रीवास्तव का कहना है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का अध्यक्ष बना देने से दलित वर्ग में कांग्रेस की स्वीकार्यता बढ़ी है। दूसरे पिछले एक साल में मुस्लिम मतदाताओं का रुझान भी कांग्रेस के प्रति बढ़ा है। इसके अलावा जातीय जनगणना की मांग उठाकर कांग्रेस पिछड़ों की सहानुभति बटोरने में सफल है। कहते हैं कांग्रेस की इसी लोकप्रियता को देख टिकटार्थियों की सूची में इजाफा होता जा रहा है।

संसाधनों से सक्षम हैं अरशद खुर्शीद

सूत्रों का मानना है कि उपरोक्त आधार पर कांग्रेस मुजबूत होती दिख रही कांग्रेस यहां से कोई मुस्लिम चेहरा उतार सकती है। इसके लिए कांग्रेस नेता अरशद खुर्शीद काफी उपयुक्त बताये जा रहे है, कारण कि पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम की आयु अधिक हो चुकी है तथा वे चुनावी सांसाधनों के मामले में कमजोर माने जा रहे हैं। कांग्रेस भी इस बार बहुत आर्थिक मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। जब कि अरशद खुर्शीद आर्थिक संसाधनों और कार्यकर्ताओं के मामले में बहुत आगे हैं।

ब्रहामण को टिकट देने की रही है परम्परा

डुमरियागंज सीट पर कांग्रेस द्वारा मुस्लिम के अलावा ब्राह्मण प्रत्याशी देने की परम्परा रही है। 1952 कृपाशंकर से लेकर 1977 में केशव देव मालवीय तक यहां हर बार ब्राह्मण प्रत्याशी ही रहा है। ऐसे में कांग्रेस के सूत्र बताते है कि यदि कांग्रेस अपने बड़े मुस्लिम नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाती है तो यहां से वह मुस्लिम के बजाय ब्राह्मण चेहरा उतरना पसंद करेगी। अब चुनाव के समय टिकट किसके हाथ लगेगा, यह समय और हालात तय करेगा।

कांग्रेस जीतने की हालत में है- नर्वदेश्वर शुक्ल

इस बारे में दर्जा प्रप्त पूर्व मंत्री व एआईसीसी के पूर्व सदस्य नर्वदेश्वर शुक्ल कहते हैं कि कांग्रेस अपने सुनहरे अतीत को प्राप्त करते दिख रही है। देश में आज राहुल एक आवाज बन कर उभरे हैं। हालात ऐसे है कि यकीनन यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी जीत सकता है। स्वयं द्वारा टिकट मांगने के सवाल पर उनका कहना है कि अभी उन्होंने आवेदन तो नहीं किया है। लेकिन कल को यदि कांग्रेस उन्हें टिकट देती है तो वह जरूर लड़ेंगे। टिकट किसी को  मिले, फिलहाल तो वह कांग्रेस की मजबूती चाहते हैं।

 

 

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