मोहब्बत का फसाना लिख शौहर के कत्ल के जुर्म में प्रेमी संग अफसाना कैसे पहुंची उम्रकैद की सजा तक

February 9, 2024 1:38 PM0 commentsViews: 226
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नईम हत्याकांड:  रात में आशिक के साथ मिल कर शौहर का कत्ल किया,  बाइक पर रख कर लाश को ठिकाने लगा कर सुबह पहंच गई रिपोर्ट लिखाने

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। 27  साल के पति नईम का कत्ल करने के जुर्म में जिला जज संजय कुमार मलिक ने गुरुवार को उसकी पत्नी अफसाना और उसके आशिक तुफैल अहमद को बामशक्कत उम्र कैद की सजा सुना दी। सजा सुनाने के बाद आशिक और माशूक दोनों को जेल भेज भेज दिया गया है। इस फैसले से जिले का यह बहुचर्चित कांड एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। जेल जाते वक्त कातिल हसीना अफसाना को देखने के लिए कोर्ट परिसर में लोगों का हुजूम लगा रहा।

पत्थर का जिगरा था अफसाना का

24 साल की खूबसूरत अफसाना, उसके पति नईम और प्रेमी तुफैल अहमद का यह प्रेम त्रिकोण जितना रोचक है उतना ही लोमहर्षक भी है। शादी शुदा अफसाना में नईमें को लेकर जाने कैसी कशिश थीकि उसने ने केवल अपने शौर का गलां घोंटा बल्कि बहुत क्रूरता के साथ उसकी लाश को बाइक पर रख कर फेंकने के लिए 5 किमी. दूर तक गई और सुबह दिलेरी के साथ् अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने खुद पलिस थाने भी पहुंच गई। अक्तूबर 2022 बाइस को घटे इस वाकये के बाद पुलिस ने प्रेम के उस धागे को ढूंढ निकाला, जिसका एक सिरा अफसाना तो दूसरा प्रेमी तुफैल के तक जाता था।

और मोहब्बत बन गई अदावत

मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के गौरडीह गांव के टोला चौधरीडीह निवासी अफसाना का प्रेम बगल के गांव  के तुफैल से हो गया था।  प्रेम का ऊफान ऐसा था कि उसे उसका पति नईम अब बोझ लगने लगाा था। जैसे ही नईम घर से बाहर जाता वह प्रेमी के बाहों में चली जाती। लेकिन छुप् छुप कर मिलने में भय भी था। अतः दोनों प्रेमी प्रेमिका मिल कर नईम से छुटकारा पाने की तरकीब सोचने लगे। अंत में दोनों ने नईम को दुनियां से विदा करने का फैसला ले लिया। बकायादा दोनों ने मिल कर नईम के कत्ल का फूल प्रूफ प्लान बनाना शुरू कर दिया।

कैसे मारा गया बेकसूर नईम

अफसाना  अपने प्रेमी तुफैल निवासी कठेला गर्वी टोला पंडितडीह के साथ मिलकर 23 अक्तूबर, 2022 पति नईम उर्फ पति को प्रेम पूर्वक खाना बनाकर खाने में जहरीला पदार्थ मिलाकर खिलाया दिया था। जब पति अचेत अवस्था में आ गया तो अपने प्रेमी तुफैल के साथ मिलकर बिजली के तार से उसका गला कसकर घर में हत्या कर दिया। इसके बाद दोनों ने उसे रात में ही मोटरसाइकिल से लादकर गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर नाले के किनारे फेंक दिया था और दूसरे दिन 24 अक्तूबर को अफसाना थाना कठेला पर जाकर अपने पति के गायब होने के संबंध में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसकी जांच उप निरीक्षक वीरेंद्र यादव थाना कठेला ने की थी।  जरा सोचियेकितना  बड़ाजिगरा रहा होगा अफसाना का कि वह पति की लाश गोद में रख कर उसे फेंकने 5 किमी दूर नाले तक चली गई।

अब चाहे लग जाएं हथकड़ियां मैने—
सुरागरसी एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के आधार पर तुफैल व अफसाना से पूछताछ की गई तो घटना का पर्दाफाश हुआ और अफसाना खातून द्वारा अपने प्रेमी तुफैल के साथ मिलकर अपने पति नइम उर्फ रमजान की हत्या करने की बात स्वीकार की गई। जिस पर अभियुक्तों के बताए स्थान से ही मृतक रमजान का शव बरामद कर 27 अक्तूबर को थाना कठेला पर हत्या का केस दर्ज किया गया और अफसाना खातून तथा तुफैल को जेल भेजा गया।  इस प्रकार इस वहशियाना प्रेम त्रिकोण का अंत हुआ जिसमें खलनायिका मस्त होके गा रही थी कि- “अब चाहे लग जाए हथकड़ियां, मैने तेरी बांह पकड़ पकड ली।”

 

 

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