रक्षा बंधन: कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी, साहित्य संगम ने आयोजित की काव्य गोष्ठी

August 30, 2023 5:31 PM0 commentsViews: 307
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अजीत सिंह 

सिद्धार्थनगर। रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर साहित्यिक संस्था साहित्य संगम के तत्वावधान में आयोजित काव्य गोष्ठी में जिले के मशहूर कवियों ने भाई बहन के अटूट प्रेम को समर्पित एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। 

मंगलवार शाम जनपद मुख्यालय के मधुकरपुर स्थित शुभम पैराडाइज एंड रेस्टोरेंट में आयोजित काव्य संध्या का शुभारंभ डॉ. विनयकांत मिश्रा की सरस्वती वंदना से हुआ, तत्पश्चात बर्डपुर से आए कवि गंगेश मिश्रा अनुरागी ने सावन मास पुनीत सुहावन, पर्व सुहावन आवत राखी जैसी मधुर रचना का पाठ करने के साथ ही कई मधुर गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं की जबरदस्त तालियां बटोरीं।

साहित्य संगम की अध्यक्ष डॉ. सीमा मिश्रा ने भैया मेरी राखी का मान रखना जैसी भावपूर्ण कविता के माध्यम से रक्षाबंधन पर्व की महानता का सजीव चित्रण कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सिद्धार्थ महाविद्यालय बर्डपुर के संचालक डॉ. रवि प्रकाश श्रीवास्तव की रचनाओं पर ख़ूब तालियां बजीं। प्रदीप वर्मा ‘प्रदीप’ ने अपनी कविता कच्चे धागों ने बांध रखा संसार, यह है राखी का त्योहार प्रस्तुत कर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

युवा कवि सुजीत जायसवाल की रचना कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी खूब सराही गई। डॉ. विनयकांत मिश्रा, मुकेश कुमार एवं संचालक नियाज़ कपिलवस्तुवी की भावपूर्ण काव्य रचनाओं पर श्रोताओं की तालियां देर तक गूंजती रहीं। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु से पधारे वरिष्ठ कवि डॉ. शरदेन्दु त्रिपाठी की वीर रस की कविताओं तथा युवा कवि दिलीप द्विवेदी के भोजपुरी गीतों ने श्रोताओं को नई ऊर्जा और उत्साह से सराबोर कर दिया।

साहित्य संगम के महामंत्री संतोष श्रीवास्तव, प्रायोगजक शुभम श्रीवास्तव ने उपस्थित कवियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया। अंत में दवा व्यवसायी अफजाल अनवर खान, युवा वरिष्ठ पत्रकार सिंहेश ठाकुर के असामायिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में वरिष्ठ कर्मचारी नेता रामकरन गुप्ता, राजेश मिश्रा, महेश्वर पाठक, रवि पांडेय, वरिष्ठ समाजसेवी राणाप्रताप सिंह, क्रीड़ा भारती के संयोजक कैलाश मणि त्रिपाठी एवं पंकज पासवान की उपस्थिति रहे।

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