आग से किसानों को मदद देने वाले सियासतदानों को सैल्यूट तो बनता ही है

April 24, 2016 3:56 PM1 commentViews: 438
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नजीर मलिक

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सिद्धार्थनगर। जिले में इस बार आगजनी की घटनाओं में किसानों का बहुत नुकसान हुआ। संकट के इस दौर में कुछ ही सियासतदान उनकी मदद के लिए आगे आये। आज तमाम पीड़ित उनकी मदद पर दुआएं दे रहे हैं और समझदार तबका उनको सैल्यूट कर रहा है।

डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में चिनकू यादव का नाम सुर्खियों में है। आग की घटनाओं में कम से कम आधा दर्जन गांवों में उन्होंने निजी तौर पर तकरीबन पांच लाख की मदद देकर किसानों और पीड़ितों के आंसू पाेंछने की एक कोशिश की है। बधिनी, सिरसिया, धनखरपुर आदि गांवों में उनकी मदद की सर्वत्र सराहना की जा रही है।

शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आग की भयानक घटनाओं के बाद सबसे अधिक सियासतदान मदद के लिए आगे आये। विधायक प्रतिनिधि उग्रसेन सिंह ने जहां निजी और सरकारी मदद दी। आज भी वह परेषान पीड़ितों को सरकार से आवास आदि की सुविधा दिलाने के लिए प्रयासरत है। नगरपालिका अध्यक्ष मो. जमील सिद्दीकी, सपा नेता जबैदा चौधरी और कांग्रेस नेता बतहर अलीम ने कछिरहवा, सेमरा, दत्तपुर, हलौर आदि गांवों में पूरी शक्ति से मदद दी। कपड़े, बतर्न नकद आदि की मदद दी।

शोहरतगढ़ क्षेत्र में ही राजपरिवार के सदस्य योगेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बाबा साहब और उनके पुत्र धनुर्धर प्रताप सिंह ने आधा दर्जन गांवों में अनाज की बोरियां भिजवाईं। सैकड़ों पीड़ित परिवारों को आधा कुंटल के हिसाब से अनाज उपलब्ध कराया। इसके अलावा क्षेत्रीय सांसद जगदम्बिका पाल भी गांवों में नकद सहायता और कपड़े इत्यादि बांटने में लगे रहे।

कौन नहीं जानता कि हमारे जिले में तमाम सियासतदान ऐसे हैं जिनकी माली हैसियत इन नेताओं से बहुत बड़ी है। इस जिले में राज से लेकर बड़े व्यवसाई और पूर्व सामंत तक सियासत में हैं। वे चाहें तो अकेले ही एक गांव को गोद ले सकते हैं। बात बस जज्बे की है।

मिठवल ब्लाक के बरहपुर गांव के दुलारे कहते हैं कि सियासत बुरी होती है। लेकिन चिनकू यादव ने इस गांव के 106 पीड़ितों को एक लाख से अधिक की मदद देकर साबित कर दिया कि राजनीति में अच्छे लोग भी हैं।

ग्राम कछिरहवा, सेमरा, आदि गांवों के लोग पूर्व प्रमुख उग्रसेन सिंह, जमील0 सिद्दीकी, राजा योगेन्द्र प्रताप जुबैदा चौघरी के बारे में कहते हैं कि अगर मौके पर उनका साथ न मिला होता तो खाने के लाले पड़ गये होते। सेमरा के बारे में वहीं के समाजसेवी अबुल कलाम कहते हैं कि सरकारी मदद तो देर में आती है, लेकिन इन सियासतदानों ने फौरी मदद देकर इंसानियत की आबरू बचाई है।

बताते चलें कि इस मौसम में अब तक आगजनी की घटनाओं में 20 हजार बीघा फसल के साथ एक हजार घर जल कर स्वाहा हो चुके हैं। इससे गरीब किसानों का बीस करोड़ के नुकसान का अनुमान लगााया जा रहा है।

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