फर्जी टीचरों ने वेतन के ऐंठ लिए 44.61 करोड़, मगर विभाग को धन रिकवरी में कोई  दिलचस्पी नहीं

December 10, 2023 12:26 PM0 commentsViews: 255
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले 50 शिक्षक अब तक जेल जाने के बाद नौकरी से बर्खास्त भी हो चुके हैं। मगर वेतन के नाम पर प्राप्त किये गये 44.61 करोड़ रुपये की रिकवरी उनसे अब तक नहीं की गई। इसके लिए विभाग जिम्मेदार है। मगर विभाग है कि वह इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे विभाग खुद ही संदेह के घरे में आता दिख रहा है।

जिले में अब तक 121 शिक्षकों को फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने के आरोप में केस दर्ज करके जेल भेजा जा चुका है। लेकिन लगभग पांच साल पहले हुई बर्खास्तगी में अब तक 50 शिक्षकों के वेतन भुगतान का ब्यौरा विभाग जुटा पाया है। इन शिक्षकों को 44.61 करोड़ रुपये भुगतान हुआ है। जिसकी रिकवरी होनी है, लेकिन अभी तक इन्हें नोटिस तक जारी नहीं की गई है। दूसरी तरफ एसटीएफ के रडार पर  अभी कुछ और शिक्षक हैं, जो जल्द ही जांच व कार्रवाई की जद में आ सकते है।

पुराना है फर्जी शिक्षकों का धंधा

जिले में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने का सिलसिला बहुत पुराना है। लगभग पांच साल पहले एसटीएफ ने जब जिले में फर्जी शिक्षक भर्ती का भांडाफोड़ किया तो पता चला कि वर्ष 1990 से यहां फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है। दूसरे के दस्तावेज पर दूसरा व्यक्ति नौकरी कर रहा है। जांच का दायरा बढ़ता गया और फर्जीवाड़ा करने वालों की लिस्ट लंबी होती चली गई। अब इनकी संख्या 121 पहुंच गई है। विभागीय जिम्मेदारों की तहरीर पर अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी सहित अन्य धारा में केस दर्ज किया गया। इसमें गिरफ्तारी करके जेल भेज भी गए और पचास शिक्षक  नौकरी से बर्खास्त भी हुए हैं। शेष पर फैसला विचाराधीन है।

धन रिकवरी की दशा खाराब

जानकारी के अनुसार बर्खास्त शिक्षकों सेवे तन के रूप में प्राप्त धन की रिकवरी की स्थिति बेहद खराब है। पांच साल में विभाग की ओर से लंबे समय से कार्य करने वाले 50 शिक्षकों को दिया गया वेतन का हिसाब कर पाया है। इन्हें वेतन मद में 44 करोड़ 61लाख 81 हजार रुपये का भुगतान दिया गया है। विभाग ने इनसे वेतन रिकवरी की कार्रवाई शुरू की पर जिम्मेदारों की लापरवाही से यह अभी तक परवान नहीं चढ़ सका है। सूत्रां का दावा है कि इनकी सूची बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में अरसे से बनकर तैयार है पर इसे अग्रिम कार्रवाई के लिए डीएम को नहीं भेजा जा सका है।

121 शिक्षक पाये गये फर्जी

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जनपद में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर अब तक जिले में 121 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। इनमें 20 ऐसे फर्जी शिक्षक पाए गए हैं, जिनकी तैनाती 1990 या उसके बाद हुई थी। यह 25 से 30 वर्ष पहले से ही नौकरी कर रहे थे। इनका आंकड़ा तैयार किया गया है। यह पीएफ धारक भी हैं। जबकि 47 फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान की राशि को जोड़ा जाना है।

बीएसए ने कहा कार्रवाई की जायेगी

इस बारे में बसिक शिक्षाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय का कहना है कि बर्खास्त शिक्षकों को अब तक किये गए वेतन भुगतान की राशि का ब्योरा एकत्र किया जा चुका है। इसकी सूची वित्त एवं लेखाधिकारी से मांगी गई है। इसके बाद वेतन वसूली की कार्रवाई शुरू करायी जाएगी। मामले की जांच की जा रही है।

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