रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन अनेक महिलाएं आपरेशन विधि से क्यों देंगी बच्चों को जन्म?

January 21, 2024 12:43 PM0 commentsViews: 307
Share news

समय से कुछ पूर्व प्रसव के बाद भी सुरक्षित रहेंगे नवजात, दर्जनों डिलीवरी के मद्देनजर शहर के अनेक आपरेशन थिएटरों में की गई विशेष तैयारी

 

सिद्धार्थनगर, अमृत विचार।

सिद्धार्थनगर। शहर के कई डॉक्टर असमंजस में हैं। वजह है कि कई गर्भवती महिलाओं ने अनुरोध किया है कि वे 22 जनवरी को ही बच्चे को जन्म देना चाहती हैं। भले ही उसके लिए उन्हें ऑपरेशन करवाना पड़े। खबर है कि इस शुभ दिवस में बच्चे को सर्जरी विधि से जन्म देने के लिए कई महिलाओं ने डाक्टर से डेट तय कर रखा है।  

22 जनवरी का प्रसव यादगार बनेगा

मां बनने जा रही ऐसी महिलाओं की मान्यता है कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही यदि बच्चे को जन्म देंगी तो उनके घर में भी  मर्यादा पुरुषोत्तम के अंश का आगमन होगा। वे कौशल्या जैसी भाग्यशाली माता कहलाएंगी। उनके साथ नवजात और पूरे परिवार के लिए भी 22 जनवरी यादगार बन जाएगी। लेकिन यदि प्रसव में लड़की हुई तो? इस सवाल पर अस्पता में मौजूद एक गर्भवती महिला ने तपाक से कहा कि उसे ईश्वर पर विश्वास है। इस दिन लड़के का ही जन्म होगा। बहरहाल 22 जनवरी के लिए मेटरिटेम्स को पूरी तरह चाक चौबंद किया जा रहा है। ताकि समय पर कोई समस्या न हो। डुमरियागंज व इटवा के तहसील मुख्यालयों से भी ऐसी खबरें मिली हैं।

क्यों परेशान है महिला डाक्टर

शहर की कई महिलाएं हैं जिनके प्रसव की तारीख जनवरी के चाौथे सप्ताह में है, लेकिन वे चाहती हैं कि 22 को ही बच्चे का जन्म हो। अपने मन मुताबिक समय पर प्रसव के लिए तो ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे में उनके परिजन डॉक्टरों से यह गुहार लगा रहे हैं कि 22 को ही ऑपरेशन से बच्चे का जन्म करा दें, जिससे कि उनके घर में ही ”राम” आ जाएं। हुसैनगंज स्थित कुसुम मेमोरियल अस्पताल की महिला डॉक्टर इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके पास उपचार करा रहीं गर्भवती के परिजन यह चाहते हैं कि 22 को ऑपरेशन से बच्चे का जन्म हो। उनके लिए परेशानी यह है कि एक दिन में इतने ऑपरेशन संभव नहीं है, क्योंकि ओटी में इमरजेंसी सर्जरी को प्राथमिकता दी जाती है। 22 को हमारे घर में भी भगवान श्रीराम शिशु रूप में पधारेंगे।

विशेषज्ञ डाक्टरों ने क्या बताया

इस संदर्भ में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता पांडेय बताती हैं कि दो साल पहले लोग नक्षत्र दिखाकर ऑपरेशन की डेट मांगते थे। बताते थे कि उक्त समय पर ऑपरेशन से बच्चा होने पर सब कुछ ठीक रहेगा। जबकि, ऑपरेशन एक विकल्प है न की सामान्य प्रक्रिया। इसी तरह अब राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही प्रसव कराने के लोग ऑपरेशन कराना चाहते हैं। स्त्री एवं प्रसुति रोग एक अन्य विशेषज्ञ डॉ. आफरीन अतहर ने बताया कि अब हिंदू के साथ मुस्लिम वर्ग के लोग भी मुहूर्त पर प्रसव कराने की मांग कर रहे हैं। यह ट्रेंड शुरू हो गया है। अस्पताल में ओटी 24 घंटे तैयार रहती है, कोई आएगा और समय से पहले प्रसव में जच्चा बच्चा सुरक्षित होने की पूरी संभावना होगी तो सर्जरी की जाएगी। कुछ को तो डेट भी दे दी गई है।

Leave a Reply