‘विधायक जी’ के हंगामें की भेंट चढ़ गई दैवीय आपदा की महत्वपूर्ण बैठक, बाप रे इतना गुस्सा!

June 15, 2023 1:15 PM0 commentsViews: 1541
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नजीर मलिक

हंगामे से पूर्व बैठक में उपस्थित अफसर व जनप्रतिनिधि

सिद्धार्थनगर। स्थानीय कलेक्ट्रेट में दैवीय आपदा की तैयारी बैठक हंगामें की भेंट चढ़ गई। हंगामे का कारण गुरुवार को बैठक के दौरान एक विधायक की तैश में डूबी भाषा शैली के बाद हुआ वाद विवाद बताया जा रहा है। इसके बाद बैठक में आपदा निरोधक तैयारियों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका। बैठक के बाद लोग यह कहते सुने गये, बाप रे, विधायक का ऐसा गुस्सा? मानों बैठक न होकर वाक-युद्ध का मैदान हो।

प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार बैठक शुरू होने के पहले ही सत्तापक्ष की सहयोगी पार्टी अपना दल विधायक विनय वर्मा ने अचानक जिला प्रशासन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने हाथ में पकड़े एक कागज को लहराते हुए ज़िलाधिकारी से उस पेपर को पढ़ कर सबको सुनाने को कहा,  जब कि जिलाधिकारी का कहना था कि पेपर उनके हाथ में है इस लिए उनको पढ़ना चाहिए। बताते है इस पर विवाद हो गया।

इसके बाद विधायक जी गरजने बरसने लगे और यहाँ तक आरोप लगा डाला कि जिले का कोई भी अफसर उनकी  बात सुनता ही नहीं है। बस इसी पर  वाद विवाद बढ़ गया। बैठक में भाग लेने वाले अन्य अफसरों व जन प्रतिनिधियों  का कहना था कि सरकारी बैठकों में सामान्य रूप से विधायक को अपनी विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को रखना चाहिए जिस पर जिला प्रशासन द्वारा उनके निराकरण किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके ।

मगर दूसरी तरफ विधायक  विवाद के दौरान भड़क गए। वह बार बार कह रहे थे कि कोई अधिकारी उनकी बात सुन नहीं रहा है, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि आप  अपनी शिकायत शालीनता से रख सकते हैं। जहां तक पेपर पढ़ने की बात है उसे आप स्वयं पढ़कर सुनाइए जिससे आपको संतुष्ट किया जा सके। इस बात पर विधायक भड़क गए और अश्लील भाषा का प्रयोग करने लगे, जिसका सभी उपस्थित अधिकारियों द्वारा इसका विरोध किया गया। उपस्थित विधायक इटवा माता प्रसाद पांडेय द्वारा मामले को किसी प्रकार से शांत कराया गया।

बाता दें कि विधायक द्वारा अतीत में भी इस प्रकार का आचरण सार्वजनिक रूप से किया जा चुका है, जिसका वीडियो भी वायरल हो चुका है। उनके भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से विवाद के कई किस्से चर्चित हो चुके हैं।

इस बारे में जब विधायक से संपर्क करने की कोशिश की गई तो संपर्क नहीं हो सका। जबकि इस बारे में ज़िलाधिकारी संजीव रंजन का कहना है कि शोहरतगढ़ विधायक ने जनता की बात को उठाया, मगर उनका तरीका बेहद गैर ज़िम्मेदाराना रहा।

 

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